Govt Schemes For Girl: अब बेटी नहीं है बोझ! पढ़ाई से लेकर शादी तक नहीं रहेगी टेंशन, ये 5 सरकारी योजनाएं करेंगी मदद
Govt Schemes For Girl: भारत सरकार देश की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हर साल नई-नई योजनाएं लागू करती है. ताकि देश ही हर एक बेटी पढ़कर अपना भविष्य उज्जवल करें. आज के इस वक्त में लड़कियों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है.
Govt Schemes For Girl: भारत सरकार देश की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हर साल नई-नई योजनाएं लागू करती हैं. ताकि देश ही हर एक बेटी पढ़कर अपना भविष्य उज्जवल करें. आज के इस वक्त में लड़कियों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है. लेकिन कई बार घर की आर्थिक तंगी के चलते मां-बाप अपनी बच्ची को पढ़ा नहीं पाते हैं. हालांकि अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि सरकार ने लड़कियों के लिए कई सारी योजनाएं लागू की हैं. जिनके लिए आप अपनी बेटी के जन्म से ही रजिस्टर कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं उन पांच स्कीम के बारे में.
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी के जन्म से लेकर 10 साल तक निवेश माता-पिता की ओर से किया जाता है. जन्म से लेकर 18 साल तक इस योजना में निवेश किया जा सकता है. सरकार इस योजना पर अभी 7.6 फीसदी रिटर्न दे रहा है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आप अपनी बेटी की शादी के लिए अच्छी खासी रकम जमा कर सकते हैं.
बालिका समृद्धि योजना
बालिका समृद्धि योजना के तहत डाकघर या बैंक में खाता खुलवाया जा सकता है. इस स्कीम में लड़कियों के जन्म के बाद 500 रुपये की अनुदान राशि दी जाती है. इसमें निवेश पर सरकार की ओर से सालाना ब्याज दिया जाता है, जिसे लड़की की आयु 18 वर्ष होने पर ही निकाला जा सकता है.
मुख्यमंत्री लाडली योजना
मुख्यमंत्री लाडली योजना झारखण्ड राज्य की ओर से शुरू किया गया है. इस योजना के तहत बेटी के नाम पोस्ट ऑफिस के बचत खाते में पांच साल के लिए 6000 रुपए की राशि जमा की जाती है.
माजी कन्या भाग्यश्री योजना
माजी कन्या भाग्यश्री योजना की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार की ओर से की गई है. इस योजना के तहत बेटी और उसकी मां के नाम पर नेशनल बैंक में जॉइंट अकाउंट खोला जाता है. इसके तहत दोनों को एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा और 5000 रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है.
सीबीएससी उड़ान स्कीम
यह योजना लड़कियों को ऑफलाइन और ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा देती है. साथ ही उनको प्री लोडेट टैबलेट भी दिया जाता है. इस योजना की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत की गई थी.