सचिन गुप्ता/छिंदवाड़ा: आदिवासियों पर अत्याचार के मामले थम नहीं रहे हैं. पूरे प्रदेश में आए दिन किसी ना किसी इलाके से ऐसे मामले सामने आ रहे, जिनमें आदिवासियों पर जुल्म हो रहा है. कभी पुलिस तो कभी किसी संगठन के लोग आदिवासियों को निशाना बना रहे हैं. अब एक ताजा मामला छिन्दवाड़ा के बटकाखापा थाना क्षेत्र से सामने आया है. जहां पुलिस की बर्रबता के निशान शरीर पर गवाह दे रहे है. 


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दरअसल बटकाखापा थाना क्षेत्र में रहने वाले सुकनभान धुर्वे का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने नाना के घर की दो पाई चिरौंजी बिना पूछे बेच दी थी. नाना ने इस मामले में पुलिस को सिर्फ धमकाने चमकाने के लिए कहा था, लेकिन पुलिस ने बेरहमी से पिटाई कर दी. जिससे पीड़ित के शरीर मे चोट के निशान उभर आए है.


शरीर पर पड़ गए छाले
आपको जानकर हैरानी होगी कि पुलिस की इस मारपीट में हाथ और पैर पर जहां तहां आग से जलने जैसे बड़े-बड़े छाले आ गए है. पीड़ित की हालत गभीर बनी हुई है. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टर ने बताया कि पीड़ित के शरीर पर चोट के निशान है. मरीज की बेरहमी से पिटाई की गई है. पिटाई से घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


टीआई सहित तीन सस्पेंड
पीड़ित ने बटकाखापा थाने में पुलिस की बर्बरता के बारे में एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत दी. मामले को गम्भीरता से लेते हुए एसपी विवेक अग्रवाल के निर्देश पर टीआई रमजू उइके, एसआई एवं एक प्रधान आरक्षक को तत्काल निलम्बित कर दिया गया है.