बैतूल: एक ओर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार विकास के लाख दावें कर रही हैं, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. बैतूल में आदिवासियों को पांच माह से राशन नहीं मिल रहा है. बैतूल में शासकीय उचित मूल्य की दुकान से पांच माह का राशन न मिलने से परेशान ग्रामीण लामबंद होकर शाहपुर एसडीएम कार्यालय में धरने पर बैठे गए है.


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दरअसल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के दानवाखेड़ा और भण्डारपानी के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें 5 महीनों से राशन नही मिला है. दोनों ही गांव में लगभग 60 से ज्यादा परिवारों को राशन नहीं मिल रहा है. 


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5 महीने से अनाज का दाना नहीं मिला
ग्रामीणों ने बताया कि राशन दुकान से मिलने वाले राशन से ही परिवार का चूल्हा जलता है. लेकिन वो राशन भी समय से नहीं मिलता है. पिछले पांच महीने से इन आदिवासी परिवारों को अनाज का दाना तक नहीं मिला. कई परिवारों में खाने के लाले पड़े हैं. ग्रामीणों पिछले दिनों कलेक्टर से भी इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी. जिस पर कलेक्टर ने दो दिनों में समस्या का हल करने की बात कहीं थी लेकिन पांच महीने हो गए ग्रामीण अनाज के लिए भटक रहे हैं. इसके अलावा एसडीएम कार्यालय के बाहर ही आदिवासी परिवार ने खिचड़ी बनाई.


50 लोगों को मिला राशन
अब धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें अनाज नहीं मिलता जब तक धरने पर बैठे रहेंगे. इस मामले में जिला आपूर्ति अधिकारी गांव में 50 लोगों को राशन मिलने की बात कह रहे हैं. वहीं कुछ लोगों के दस्तावेज नहीं होने से राशन नहीं मिलने की बात मान रहे है. अब देखना यह होगा कि पिछले पांच माह से राशन मिलने की मांग लेकर धरने पर बैठे आदिवासियों को कब तक राशन मिल पता है?


रिपोर्ट - रुपेश कुमार