बैतूल रेलवे स्टेशन पर नहीं फहराया जाएगा तिरंगा, RPF ने किया मना, कारण चौंकाने वाला
बैतूल रेलवे स्टेशन में तिरंगा फहराने पर अघोषित बैन लगा दिया गया है. यहां आरपीएफ ने खंबे की जांच होने तक तिरंगा फहराने से इंकार कर दिया है. क्योंकि बीते तीन साल में इस खंबे पर लगाए गए 24 तिरंगे फट चुके है.
इरशाद हिंदूस्तानी/ बैतूल: जहां दस लाख रुपए तिरंगा फहराने के लिए खर्च किए गए, वहां तिरंगा फहराने पर अघोषित बैन लगा दिया गया है. मामला बैतूल रेलवे स्टेशन का है. यहां आरपीएफ ने खंबे की जांच होने तक तिरंगा फहराने से इंकार कर दिया है. बीते तीन साल में इस खंबे पर लगाए गए 24 तिरंगे फट चुके है. आरपीएफ को लगता है कि खंबे में ही कोई दिक्कत है. इसलिए यहां तिरंगे बार-बार फट रहे है. इसकी जांच के लिये रेलवे के आईओडब्ल्यू शाखा को तीन पत्र भेजे जा चुके है. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. ऐसे में आरपीएफ ने साफ कर दिया है कि जब तक जांच नहीं होती खंबे पर तिरंगा नहीं लगेगा.
दरअसल पीएम के आव्हान पर पूरा देश हर घर तिरंगा अभियान से सराबोर है. ऐसे में हर घर, दफतर, प्रतिष्ठान यहां तक की वाहनों में भी झंडे लहराते नज़र आ रहे है. लेकिन बैतूल रेलवे स्टेशन पर तिरंगा फहराने से इंकार कर दिया गया है.
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अब तक 24 से ज्यादा तिरंगे फट गए
यहां 2019 में सौ फुट ऊंचाई का खंबा लगाया गया था. नागपुर की एएमवाय कंपनी को लगभग दस लाख रुपए में इसका ठेका दिया गया था. कंपनी ने यह खंबा लगाया भी और उस पर तिरंगा भी फहरा दिया. लेकिन साल 2020 से बीते तीन सालों में यहां 24 से ज्यादा तिरंगे फट चुके है. जिसके चलते अब यहां तिरंगा फहराने से मना कर दिया गया है. रेल प्रशासन ने यह खंबा और उस पर तिरंगा स्थापित कर इसे रेलवे सुरक्षा बल को हस्तांतरित कर दिया था. आरपीएफ पोस्ट बैतूल के निरीक्षक के बी सिंह के मुताबिक इस तिरंगे और खंबे की देखरेख की जिम्मेदारी रेलवे के आईओडब्ल्यू विभाग और इसे फहराने-चढ़ाने, उतारने की जिम्मेदारी रेलवे के ही इलेक्ट्रिक विभाग को दी गई है. एक सौ फुट लंबे खंबे पर 30 फुट लंबा, 20 फुट चौड़ा तिरंगा फहराया जाता है.
केसरिया रंग के पास से ही फट रहा
2020 में यह 10 बार, 2021 में 11 और इस साल अब तक तीन बार फट चुका है. यह केसरिया रंग के पास से ही फट रहा है. इसे लेकर आरपीएफ ने रेलवे के आईओडब्ल्यू शाखा को तीन बार पत्र लिखा है. उन्हें कहा गया है कि वे खंबे का भौतिक परीक्षण करवाए ताकि पता चल सके कि झंडे बार-बार क्यों फट रहे है. इसके लिए पोल की जांच कराई जाए. आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय ने भी जब तक जांच नहीं हो जाती यहां झंडा फहराने से मना कर दिया है. हाल ही में यहां 8 अगस्त को झंडा फटने के बाद इसे उतार लिया गया. तब से यहां नया तिरंगा नहीं लगाया गया है.
लोगों में नाराजगी
स्टेशन पर झंडा न फहराने से लोगो में नाराजगी है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के रमेश भाटिया ने कहा कि जब पूरा देश झंडा फहरा रहा है. स्टेशन पर झंडा न फहराना दुख देता है. यह रेल प्रशासन की घोर लापरवाही है.