राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: शुक्रवार से शिव नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. श्री महाकालेश्वर मंदिर (mahakaleshwar temple) में महाशिवरात्रि (mahashivaratri) पर्व बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आज शनिवार को शिव नवरात्रि के महापर्व का दूसरा दिन रहा. बाबा महाकाल (mahakal) के पूजन का क्रम पहले दिन की तरह ही रहा. दूसरे दिन बाबा महाकाल को सोला दुसाला ओढ़ा कर शेषनाग धारण (sheshanaag shrringaar) करवाया गया. शेष नाग रूप में भक्तो ने बाबा का आशीर्वाद लिया.


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जानिए क्या कहा पुजारी ने
पुजारी महेश गुरु ने बताया अल सुबह भस्मार्ती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई. दोपहर 03 बजे पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाए गए. जिसमें सोला दुसाला, स्वर्ण जड़ित आभूषण धारण करवाए गए. बाबा महाकाल को शेष नाग रूप दिया गया, जो कि दूसरे दिन का क्रम है. बड़ी संख्या में भक्तो ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. पुजारी महेश गुरु ने कहा "फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि का तिथि अनुसार छठां दिन रहा" हर रोज भगवान अलग अलग स्वरूप में दर्शन देंगे. शिव-नवरात्रि का समय भगवान शिव के पुजन अर्चन, ध्यान- चिंतन -मनन, की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है.


हर रोज होने वाले भगवान के दर्शन रूप के बारे में जानिए-
पहला दिन : चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया.
दूसरा दिन : शेषनाग शृंगार हुआ.


तीसरा दिन : घटाटोप शृंगार
चौथा दिन : छबीना शृंगार
पांचवां दिन : होल्कर शृंगार
छठा दिन : मनमहेश शृंगार
सातवां दिन : उमा महेश शृंगार
आठवां दिन : शिव तांडव शृंगार


नवें दिन : भगवान बाबा महाकाल दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे दोपहर में भस्मारती होगी. इसके साथ ही हर रोज महाकालेश्वर मंदिर परिसर में हरि कीर्तन आयोजित किया जा रहा है. जिसका समय शाम 4 से 6 बजे तक 2घंटे है. यह हरिकीर्तन महाशिवरात्रि तक होगा.


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