राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: उज्जैन के बड़नगर में हिंदूवादी संगठन के लोग भारी संख्या में जमा हो गए. यहां त्रयंबकेश्वर मंदिर कुंड चौकी धोते समय मु्स्लिम समाज के लोगों ने इस्लाम जिंदाबाद, या हुसैन नारे लगाए. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसी के विरोध में रविवार हिंदूवादी संगठन सड़कों पर उतर आए.


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बता दें कि बड़नगर तहसील क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम मुद्दा रविवार को गर्माता नजर आया. मामले में बड़नगर में हिंदू संगठनों के सैकड़ों लोग ढोल बाजे हाथ मे भगवा ध्वज लिए जय श्रीराम के जयकारे लगाते हुए एकत्रित हुए व जुलूस निकाला और पुलिस व प्रशासन को मुस्लिम समाज के कुछ लोगों के खिलाफ ज्ञापन सौंपते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की. 


हिंदू संगठनों के जताई आपत्ति
हिंदू संगठनों ने मुस्लिम समाज का एक वीडियो भी ज्ञापन के साथ दिखाते हुए कहा कि हिंदुओ के तीर्थ स्थल पर आपत्तिजनक नारेबाजी मुस्लिम समाज के कुछ लोगो ने की है. कहा कि वीडियो में मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग बड़नगर में स्थित त्रंबकेश्वर मंदिर के पंढरीनाथ कुंड के आसपास बैठ नारेबाजी करते दिखाई दे रहे है. इस मामले में संज्ञान लिया जाए और हिंदुओं के तीर्थ स्थल पर आगे से इन्हें नहीं आने दिया जाए.


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क्या है हिंदुओ की नाराजगी का कारण जानिए?
मुस्लिम समाज के लोग बीते कई सालों से यह रस्म निभाने का काम बड़़नगर में हिंदुओं के धार्मिक स्थल त्रंबकेश्वर मंदिर के पंढरीनाथ कुंड में कर रहे है. फर्क इतना है कि पहले मुस्लिम समाज के चंद लोग ही बड़े साहब की चौकी धोने जाया करते थे. लेकिन 2 साल से यह संख्या सैकड़ों में बदल गई है और वहां पर मुस्लिम समाज के लोग या हुसैन व इस्लाम जिंदाबाद के नारे बाजी भी जोर जोर से करने लगे हैं. बस इसी बात से हिंदू संगठन नाराज हुआ और वायरल हुए मंदीर में स्थित कुंड के आस पास इस्लाम जिंदाबाद या हुसैन के नारों का वीडियो लेकर आपत्ति दर्ज करने पुलिस व प्रशासन के पास पहुंच गए.


पुलिस ने दिया आश्वासन स्थिति सामान्य
हालांकि पूरे बड़नगर में माहौल को देखते हुए पुलिस व प्रशासनिक टीमें लॉ आर्डर के लिए तैनात हुई हैं. पुलिस और प्रशासन ने हिन्दू संगठनों से बातचीत की और स्थिति को सामान्य किया. पुलिस ने हिंदू संगठनों से कहा कि पुलिस और प्रशासन ने कल ही मुस्लिम संगठन से इस विषय में बात की थी. इस मामले में और भी बात मुस्लिम समाज से की जाएगी अगर कोई दोषी हुआ तो उस पर वैधानिक कार्रवाई भी होगी.


पर्व की धार्मिक मान्यता क्या है?
जानकारो अनुसार तीन दिन पहले जब चांद दिखाई दिया तो मुस्लिम नव वर्ष का आगाज माना गया था. परंपरा अनुसार चांद दिखने पर समाज के लोग बड़े साहब की चौकी धोने की रस्म निभाते है. वहीं पर फातिहा पढ़कर अमन चैन की दुआ मांगते हैं. चौकी धोने की रस्म के बाद चौकी लेकर निर्धारित स्थान के लिए इस्लाम जिंदाबाद या हुसैन के नारे लगाते हुए जुलुस रूप में निकलते है. मुस्लिम समाज इस पर्व को 10 दिन तक मनाता है. आज पर्व का तीसरा दिन है, बड़े साहब को निर्धारित स्थान पर 10 दिन के लिए बिठाया जाता है. जहां माना गया है कि हसन हुसैन की हत्या होने पर उनकी याद में 9 दिन तक गम का त्यौहार मनाया जाता है. नौवें दिन रात में कत्ल की रात होती है. 10वें दिन बड़े साहब को विसर्जन किया जाता है. और इस दिन रात भर समाज के लोग खुद को कष्ट देते हैं. वह जुलूस के रूप में शहर भर में निकलते हैं.