Ujjain: शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी, शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर लगेंगे फव्वारे
Shanishchari Amavasya 2022: उज्जैन में भाद्रपद माह की शनिश्चरी अमावस्या के दिन शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर स्नान करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी. इसको लेकर कलेक्टर, एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों ने घाट का निरीक्षण कर जिम्मेदारों को व्यवस्था के निर्देश दिए हैं.
राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: धार्मिक नगरी अवन्तिका उज्जैनी में आगामी 27 अगस्त शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या का स्नान पर्व आ रहा है. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर स्नान करते हैं. इसके बाद यहां स्थित शनि-देव के मंदिर में दर्शन पूजन करते हैं. शनि मन्दिर पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन हो उसकी व्यवस्थाओं के लिये जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने मंदिर का निरीक्षण किया.
जिम्मेवारों को दिए गए दिशा निर्देश
शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा नदी के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए भक्तों का बड़ा जनसैलाब उमड़ता है. इसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह, एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता सहित तमाम अधिकारियों ने शनि मन्दिर का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं हेतु जिम्मेवारों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये हैं.
महिला पुरुष के स्नान के लिए अलग-अलग की जाएगी व्यवस्था
जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि बारिश की स्थिति को देखते हुए शनि मन्दिर पर स्नान हेतु फव्वारे की व्यवस्था की जाये. साथ ही उन्होंने आवश्यक बेरिकेटिंग, पुरूष एवं महिलाओं के लिये अलग-अलग स्नान व्यवस्था और चेंजिंग रूम बनाने के लिये कहा है. कलेक्टर ने श्रद्धालुओं के प्रवेश एवं निर्गम की सुगम व्यवस्था, प्रॉपर बेरिकेटिंग करने, पार्किंग की व्यवस्था, पेयजल एवं अस्थाई शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश भी सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं.
बाढ़ में डूबे हैं शनि मंदिर के घाट
आप को बता दें कि वर्तमान में शनि मन्दिर के घाट शिप्रा नदी की बाढ़ में डूबे हुए हैं. जैसे ही पानी उतरता है, घाटों की साफ-सफाई कर कीचड़ हटाने के लिये भी निर्देशित किया गया है, जिले में अब तक 921. 9 मिमी वर्षा हुई है. वहीं रास्ते में क्षद्धालुओं के सुविधा को देखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर निगम, लोक निर्माण विभाग एवं खनिज विभाग को मुरम व चूरी डालने के लिये कहा गया है, जिससे कि कीचड़ न हो.
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