राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पानबिहार में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर वायरल हो रहे है. क्योंकि यहां रहकर पढ़ने वाली छात्राओं के पास ना कोई सुरक्षा है और ना उनकी मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने वाला कोई है. बालिका छात्रावास के बदत्तर हालात आपको तस्वीरों के माध्यम से ही समझ आ जायंगे कि आखिर में छात्राओं की मूलभूत सुविधाओं को उनसे दूर रखने वाला व उनकी सुरक्षा में सेंध मारी करने वाला जिम्मेदार आखिर कौन है. 


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ये सवाल इसलिए जरूरी है क्योंकि छात्रावास की छात्राओं ने खुद आरोप लगाए है कि छात्रावास में पानी की कमी है, बाथरूम के दरवाजे टूटे है, बिजली नहीं है. स्वीपर तो आता ही नहीं है, ना भोजन मेन्यू अनुसार बनता है ना ही पंखे है और ना छत पर दरवाजा है. एक छात्रा ने कहा हालात ये है कि मेरे पिता मुझसे मिलने आये थे. उनसे मैंने कहा कि पानी नहीं है तो उन्होंने यहां पानी का टैंकर पहुँचाया. एक छात्रा ने कहा हमें यहां डर लगता है, अकेल बाथरूम तक जाने में बिना किसी साथी छात्रा के साथ नहीं जा पाते.


एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी व क्षेत्रीय विधायक ने लिया संज्ञान
दरअसल जब ये मामला वायरल हुआ तो हाल ही में छात्रावास का निरीक्षण करने एसडीएम राजेश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा व क्षेत्रीय कांग्रेस पार्टी से विधायक रामलाल मालवीय मौके पर पहुंचे और बच्चों से वहां की स्थिति को जाना. साथ ही छात्रावास के जिम्मेदारों को 7 से 10 दिन का समय दिया और कहा कि इन दिनों में समस्या का निराकरण नहीं होता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब देखना ये होगा कि 7 से 10 दिनों में वाकई छात्रवास की स्थिति सुधरती है या नहीं. या फिर छात्राओं की सुरक्षा को गम्भीरता से लिया जाता है या नहीं.


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गौरतलब है कि ऐसे ही एक मामले से हमने आपको हाल ही में 22 जुलाई को अवगत करवाया था लेकिन उसको लेकर भी जिम्मेदारो ने अब तक कोई गम्भीरता नहीं दिखाई है. हमने जिले की तराना विधानसभा के गिबरगोद गांव का मामला बताया था. जहां नेताजी सुभाषचंद्र बोस नाम से आदिम जाति कल्याण विभाग शासकीय बालिका छात्रावास है. जहां की छात्राओं ने 21 जुलाई को  एसडीएम एकता जायसवाल को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें लिखा था कि छात्रावास में हमारे साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. प्रताड़ित किया जाता है, समय पर भोजन नहीं देना, कुछ मांगने पर मारना, मां पिता का नाम लेकर ताना कसना, अपशब्द कहना व पंखा भी नहीं सुधरना व हर तरह से परेशान करना जो असहनीय है. आज तक इस मामले में 13 दिन बीत जाने के बाद भी कोई UPDATE नहीं है.