थाने में 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते आरक्षक गिरफ्तार, डेढ़ लाख की थी डिमांड
लोकायुक्त उज्जैन टीम ने शहर के थाना चिमनगंज के आरक्षक को 25, 000 रुपये की रिश्वत लेते थाने में ही रंगे हाथों धर दबोचा है. आरोपी आरक्षक पर आरोप है कि उसने वर्ष 2019 में दर्ज हुए क्रिकेट के एक सटोरिए के खिलाफ प्रकरण मामले में सटोरिये से डेढ़ लाख रुपए की डिमांड की थी.
राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: लोकायुक्त उज्जैन टीम ने शहर के थाना चिमनगंज के आरक्षक को 25, 000 रुपये की रिश्वत लेते थाने में ही रंगे हाथों धर दबोचा है. आरोपी आरक्षक पर आरोप है कि उसने वर्ष 2019 में दर्ज हुए क्रिकेट के एक सटोरिए के खिलाफ प्रकरण मामले में सटोरिये से डेढ़ लाख रुपए की डिमांड की थी. उसी के लेन-देन में आज लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा है.
दरअसल आवेदक सटोरिये का कहना हैं कि उसने अब सट्टे का काम बंद करके जूते चप्पल की दुकान लगा ली है. बावजूद उसके आरक्षक डरा धमकाकर पैसे लेना चाहता था. मैंने अपने दोस्त को बताया तो दोस्त के कहने पर 60 से 75 हजार के बीच पैसे देने की बात मैंने तय की व लोकायुक्त में शिकायत कर दी. मामले में लोकायुक्त ने वैरीफाई किया और आरक्षक को थाने में ही रंगे हाथों धर दबोचा गया है. पूरे मामले की पुष्टि लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने की है.
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डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि मुकुल पिता प्रकाश नामक व्यक्ति आवेदक है. जिनका दोस्त संजय सूर्यवंशी है. संजय सूर्यवंशी निवासी कोयला फाटक एक समय पहले क्रिकेट का सट्टा लगाता था. जिसका वर्ष 2019 में केस भी बना था. जिसके बाद थाना चिमनगंज आरक्षक रवि कुशवाह ने संजय से पैसे मांगे की सट्टा करवाते हो, मुझे 1.5 लाख रुपये चाहिए.
75 हजार में बनी बात
वहीं संजय ने कहा मैं अब सट्टा नहीं खेलता, जूते चप्पल की दुकान लगाता हूं. इस पर आरक्षक नहीं माना और 75,000 देने की बात कही. शुरुआत में 25000 रुपये देने की बात बनी और बाकी के 3 से 4 दिन में बाकी रुपये. लेकिन इसी बीच संजय ने अपने मित्र मुकुल के माध्यम से लोकायुक्त में शिकायत कर दी. लोकायुक्त ने पूरे मामले को वेरीफाई कर थाने के अंदर ही आरक्षक रवि कुशवाहा को धर दबोचा और कार्रवाई को अंजाम दिया.