उज्जैन: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम में शिवलिंग को जांचने एक बार फिर भोपाल से GSI टीम पहुंची है. टीम सोमवार देर शाम पहुची थी और मंगलवार सुबह बाबा को अर्पित होने वाले पंचामृत, भस्म, जल, भांग व अन्य के सैम्पल लेकर टीम रवाना हुई है. हालांकि टीम ने रिपोर्ट आने तक कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया है.


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बता दें कि ये टीम हर साल सर्वे करने वर्ष 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहुंचती है. दरसअल कई सालों से मंदिर में शिवलिंग के लगातार क्षरण होने को लेकर चर्चा है कि शिवलिंग का क्षरण हो रहा है. शिवलिंग क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2019 में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की समिति का गठन किया गया था. इसके बाद यह जांच टीम हर साल सर्वे के बाद कोर्ट को रिपोर्ट देती है.


7 सदस्यी दल भोपाल आया था 
आपको बता दें ज्योतिर्लिंग क्षरण के मामले में वर्ष 2017 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और वर्ष 2019 में ये फैसला सुप्रीम कोर्ट की ओर से आया था. शिवलिंग की जांच GSI की टीम करें प्रति वर्ष और रिपोर्ट सौंपे साथ ही ASI टीम मंदिर के स्ट्रक्चर को लेकर रिपोर्ट सौंपे. इसी निर्देश पर टीम GSI आई और अब लैबोरेटरी में टेसटिंग के बाद रिपोर्ट का खुलासा होगा. टीम ने 2021 की जांच रिपोर्ट में चिंता जताई थी कि दिए गए निर्देशों का मंदिर समिति द्वारा पालन नहीं किया गया. अब टीम की इस रिपोर्ट में क्या निकलता है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा. 


क्या गर्भगृह में बंद होगा प्रवेश?
गौरतलब है कि अधिकतर मंदिरों में गर्भगृह में प्रवेश बंद है. क्षरण रोकने के लिए  न्यायालय, जन-भावना व एएसआई, जीएसआई की रिपोर्ट के अनुसार विचार किया जा रहा है. हालांकि उज्जैन में अभी गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है. मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI और GSI की रिपोर्ट के बाद कुछ कहा जा सकता है. GSI टीम के निर्देशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि नागपुर सैम्पल भेजे जाएंगे. जिसके बाद रिपोर्ट आने पर ही कुछ कह पाएंगे. 26 दिसंबर को ASI टीम के मंदिर आने का कार्यकम तय हुआ है.


रिपोर्ट - राहुल सिंह राठौड़