MP News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है. महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण का मुद्दा फिर सुर्खियों में है. कई सालों से मंदिर में शिवलिंग को लेकर चर्चा है कि शिवलिंग का क्षरण हो रहा है. शिवलिंग क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2019 में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की समिति का गठन किया गया था. इसके बाद यह जांच टीम हर साल सर्वे के बाद कोर्ट को रिपोर्ट देती है. 
 
इस बार रिपोर्ट में दोनों जांच समितियों ने शिवलिंग क्षरण को लेकर चिंता जताई है. इसमें कहा गया है कि 2012 में दिए गए सुझावों पर मंदिर समिति ने अमल नहीं किया. इस वजह से शिवलिंग को काफी नुकसान हुआ है. शिवलिंग का क्षरण लगातार हो रहा है. समिति को आशंका है कि निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार मंदिर समिति शिवलिंग के क्षरण को बचाने के लिए जल की PH वैल्यू और पंचाभिषेक में उपयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता में सुधार पर लगातार काम कर रही है. 


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क्या गर्भगृह में बंद होगा प्रवेश
इस पूरे मामले में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि अधिकतर मंदिरों में गर्भगृह में प्रवेश बंद है. क्षरण रोकने के लिए  न्यायालय, जन-भावना व एएसआई, जीएसआई की रिपोर्ट के अनुसार विचार किया जा रहा है. अभी गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है.  मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI और GSI की रिपोर्ट आई थी.  हम उस रिपोर्ट के आधार पर मॉनिटरिंग करते रहते हैं. 


क्षरण रोकने के लिए कई उपाय किए
कलेक्टर ने कहा कि शिवलिंग का क्षरण हुआ है ये स्पष्ठ रूप से दिखता भी है. हम जलाभिषेक के पानी की PH वैल्यू पर काम कर रहे हैं. हमने कई प्रिवेंटिव मेजर भी फॉलो किये हैं. यह स्वाभाविक सी बात है कि हर कोई चाहता है पवित्र शिवलिंग को स्पर्श करें, लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि बड़ी संख्या में जब लोग पूजा पाठ करेंगे इस तरह से तो नुकसान होगा. देश के कई मंदिरों में गर्भ ग्रह में प्रवेश पर प्रतिबंध है. हम भी लोगों की जन भावना माननीय सुप्रीम कोर्ट व एएसआई और जीएसआई की रिपोर्ट के अनुसार विचार कर रहे हैं.