राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: आगर मालवा जिले में स्थित शासकीय उमा विद्यालय में संविदा वर्ग 2 की शिक्षिका रहमत बानो मंसूरी जो संकुल प्राचार्य के पद पर पदस्थ थीं, उनकी सेवा समाप्ति को लेकर उन्हें संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग रविंद्र कुमार सिंह की और से गुरुवार को नोटिस मिला है. नोटिस में कारण बताया गया कि आपकी दो से अधिक संतान हैं. इसलिए चाइल्ड टू पालिसी के तहत आपकी सेवा समाप्त की जाती है. शिक्षिका रहमत बानो मंसूरी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस शिक्षक संघ के कहने पर वर्ष 2020 में हुई थी. 2009 में रहमत को तीसरी संतान हुई जो कि चाइल्ड टू पालिसी का उल्लंघन था. मामले में अब जांच के 3 साल बाद शिक्षका पर कार्रवाई हुई है. 


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शिक्षिका ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि मेरी तीन संतान होने के कारण मेरी सेवा समाप्ति का आर्डर मुझे मिला हैं. मैं अब कैसे परिवार का भरण पोषण करूंगी? मुझे अब न्यायालय की शरण लेना ही उचित लग रहा है. बड़ी बेटी रहनुमा वर्ष 2000 में हुई जो मेडिकल साइंस की पढ़ाई कर रही है, फिर एक बेटा मुशाहिद 2006 में हुआ. जो 88% के साथ 12th पास आउट हुआ है, फिर 2009 में एक और बेटा हुआ जिसका नाम मुशर्रफ है. जो अभी 10वीं में गया है.


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बीते 5 साल से मुझे परेशान किया जा रहा
शिक्षिका ने बताया कि वो बडौद आगर मालवा की निवासी हैं, और शासकीय कन्या उच्चतर विद्यालय में बतौर संकुल प्राचार्य और केमिस्ट्री टीचर के पद पर 2003 से पदस्थ थीं.  पति सईद अहमद मदरसे में उर्दू शिक्षक है. मेरे प्रति जिनकी विरोधी भावना रही उन लोगों ने मेरी शिकायते की है. जबकि मेरा कार्य हमेशा से प्रशंसनीय रहा है. बीते 5 साल से मुझे परेशान किया जा रहा था और आज सेवा ही समाप्त कर दी गई. मेरे साथ ये गलत हुआ है जबकि मेरी और भी शिक्षक साथी है. जिनकी 3 से अधिक संताने हैं. मेरे साथ ये द्वेषपूर्ण कृत्य को लेकर में कोर्ट जा रही हूं.


शिक्षिका ने लगाया आरोप
इस पूरे मामले में शिक्षिका ने मप्र शिक्षक कांग्रेस अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार पर आरोप लगाया है और कहा कि उनके लेटर हेड पर शिकायतें होती थी. साथ ही प्रेम नारायण पुरोहित हाई स्कूल गुराड़िया में पदस्थ शिक्षक पर भी साथ देने का आरोप है. ये संगठन तो कर्मचारियों के हित के लिए है और यहां तो मेरा अहित कर दिया. मेरे पास अब कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.


गर्भपात का पता देरी से चला
शिक्षिका रहमत बानो से सवाल किया गया कि क्या आपको नियमों की जानकारी नहीं थी? जिस पर शिक्षिका ने कहा कि मुझे नियम की जानकारी थी. लेकिन बच्चे का जब तक पता चला तब तक काफी देर हो चुकी थी. ऐसे में डॉक्टरों ने अबॉर्शन करवाने की बात कही और उस स्थिति में मेरी और बच्चे की जान को खतरा बताया. जिसके बाद बच्चे के जन्म का परिवार ने फैसला किया.