MP Politics: हाल में ही उमा भारती (Uma Bharti Statement On BJP) ने लोधी समाज के कार्यक्रम में बीजेपी को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्हाने कहा था कि लोधी समाज का जहां पर मन हो वहां पर वोट करें. मैंने कभी नहीं कहा कि बीजेपी को वोट करें. आप भाजपा को वोट देने के लिए बाध्य नहीं (Do Not Vote For BJP) है. उनके इस बयान के बाद मप्र की राजनीति (MP Politics) में कई सवाल खड़े होने लगे. कई कयास लगने लगे. अब इसपर पूछे जा रहे सवालों पर एक बार फिर उनके वहीं पुराने तेवर दिखे हैं. उन्होंने फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी जो बीजेपी (BJP) के लिए सुखद खबर नहीं है.


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कोई खंडन नहीं करूंगी 
बता दें कि भरे मंच से उमा भारती ने कहा था कि उम्मीदवार मेरी फोटो दिखाकर वोट मांगते हैं और आप लोग सोचते हैं कि दीदी का भी यही विचार होगा, लेकिन ऐसा नहीं है. आप बीजेपी के फॉलोअर नहीं है तो जिसे मन करे वोट दें. इसपर पूर्व सीएम ने सफाई पेश करते हुए कहा कि लोधी समाज को भाजपा को वोट न देने की बात को लेकर मैं कोई खंडन नहीं करूंगी क्योंकि मैंने ऐसे ही बोला था. इसका कारण ये है कि 2018 विधानसभा चुनाव के समय कुछ विधानसभाओं से लोधी समाज के द्वारा मेरे ऑफिस में फोन आया था और कहा गया था कि दीदी की सभा रद्द कर दीजिए क्योंकि लोधी समाज यहां के बीजेपी उम्मीदवार से नाराज है. उन्होंने कहा कि उसी बात का जवाब मैंने लोधी समाज के कार्यक्रम में दिया. मैं इसपर खंडन नहीं करूंगी.


पहले भी दिखाती रही हैं बागी तेवर
उमा भारती ने अपने बयान को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये कोई नई बात नहीं है, जब मैंने इस तरह की बयानबाजी की. इसके पहले भी कई मौकों पर इस तरह का बयान मैंने दिया है. इसके अलावा उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि वर्तमान मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है. लोगों को ये भी याद करना चाहिए कि जब हम विधानसभा चुनाव हार गये थे और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूटकर आया और उसके सहारे हमने सरकार का गठन किया था और तब जाकर हमारा मंत्रिमंडल बना था. तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी की थी. इसे लेकर कांग्रेस को मेरे और बीजेपी के बीच में आने की जरूरत नहीं है.


क्या था उमा भारती का पूरा बयान 
लोधी समाज के कार्यक्रम में उमा ने कहा था कि मैं अपने पार्टी के मंच पर आंऊगी, लोगों से वोट मागूंगी मैं कभी नहीं कहती लोधियों कि तुम भाजपा को वोट करो. मैं आप सब से नहीं कहती की तुम भी पार्टी के लिए निष्ठावान रहो. आपको अपना हित भी देखना चाहिए. हम सब प्यार के बंधन में बंधे है लेकिन राजनीतिक बंधन से आजाद है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं उम्मीदवार के पक्ष में वोट मागूंगी, प्रचार करूंगी उनके पक्ष में बोलूंगी लेकिन आपको उसी उम्मीदवार को वोट देना है जिसने आपका सम्मान रखा हो. जिसने आपका उचित स्थान रखा हो. आप उसे वोट करने के लिए स्वतंत्र है. एक बात हमेशा ध्यान रखना की मैंने भाजपा पार्टी छोड़ी नहीं थी मुझे पार्टी से निकाला गया था. क्योंकि पहले से ही ये तय था कि सरकार बनाओ, उसके बाद इसे बाहर का रास्ता दिखाओ. जिसके तहत मुझे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. बता दें कि उनके इस बयान के बाद से ही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर सवाल खड़े करने का विपक्ष को एक और मौका मिल गया है.