दीपेश शाह/विदिशाः पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती आज विदिशा के ऐतिहासिक श्री राधा अष्टमी मंदिर दर्शन करने पहुंची. बीते 2 वर्षों से उमा भारती यहां पूजा अर्चना करती आ रही हैं. बता दें कि आज राधा अष्टमी है और आज के दिन इस ऐतिहासिक मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे ही खुल जाते हैं. उल्लेखनीय है कि इस मंदिर के कपाट सालभर में एक ही बार राधा अष्टमी के दिन खुलते हैं. 


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उमा भारती ने मंदिर में मंगला आरती की और बधाई गीत भी गाए. उमा भारती अपने साथ छोटे से कन्हैया जी की प्रतिमा भी लेकर आईं थी. उन्होंने कन्हैया जी की इस प्रतिमा को राधा जी के साथ स्थापित कराकर मंदिर के पुजारी से विधिवत पूजा भी कराई. पूर्व सीएम ने ये भी बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण वह बरसाना नहीं जा पाईं थी, तब उन्हें अखबारों के माध्यम से विदिशा में राधा रानी का मंदिर होने का पता चला. इसके बाद से वह यहां आ रही हैं. 


उमा भारती ने कहा कि बरसाना के अलावा राधा रानी का सिर्फ विदिशा में मंदिर है. विदिशा हिंदुओं का गढ़ रहा है. 


जानिए क्यों खास है ये मंदिर
ऐसा माना जाता है कि बरसाना के पुजारी संप्रदाय के लोग मुगल काल में बरसाना से राधा जी की मूर्ति एक टोकरी में लेकर निकले थे. दरअसल उस वक्त मुगलों के आक्रमण के कारण पूजा-पाठ और मंदिरों पर मुश्किल आ गई थी. ऐसे में पुजारी संप्रदाय के लोग आधी रात को पैदल ही मूर्ति लेकर बरसाना से निकल गए थे. चलते-चलते ये लोग विदिशा के नंदवाना आकर रुके थे और यहां एक छोटी सी कुटिया में उन्होंने श्री राधा की पूजा अर्चना शुरू की थी, जो आज तक जारी है. 


आज यह मंदिर काफी भव्य बन चुका है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इस ऐतिहासिक मंदिर के कपाट साल में एक बार ही खुलते हैं बाकी दिन इस मंदिर में पुजारी गुप्त पूजा करते हैं.