उमा भारती ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, बोलीं- शराबबंदी को लेकर खुद सड़कों पर उतरूंगी
उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर पहले भी बयानबाजी कर चुकी हैं. बीती 8 मार्च से भी उन्होंने राज्य में शराब बंदी अभियान चलाने का ऐलान किया था.
आकाश द्विवेदी/भोपालः शराब बंदी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती फिर से मुखर हो गई हैं. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए खुद सड़कों पर उतरने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि 'वीडी शर्मा और शिवराज जी कहते हैं कि नशा जागरुकता से खत्म होगा लेकिन ये जागरुकता से नहीं सिर्फ सख्ती से खत्म होगा.' उमा भारती ने कहा कि 'हम शराबबंदी के लिए 14 जनवरी से अभियान चलाएंगे. सरकार और वीडी शर्मा जी हमारा साथ दें.'
उमा भारती ने कहा कि 6 महीने में महिलाएं ये अभियान चलाएंगी और उन्हें ही जिला संयोजक बनाया जाएगा. उमा भारती ने कहा कि 14 जनवरी के बाद वह खुद इस अभियान का नेतृत्व करेंगी और सड़कों पर उतर जाएंगी. उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए और वह इस पर अडिग हैं. बता दें कि उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर पहले भी बयानबाजी कर चुकी हैं. बीती 8 मार्च से भी उन्होंने राज्य में शराब बंदी अभियान चलाने का ऐलान किया था. हालांकि बाद में सीएम शिवराज से मुलाकात के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए थे. अब एक बार फिर से उन्होंने शराबबंदी का मुद्दा उठाकर सियासी पारा गरम कर दिया है.
केन-बेतवा विवाद पर भी उन्होंने टिप्पणी की और कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और शिवराज सिंह चौहान इस पर जल्द फैसला लें. आरक्षण के मुद्दे पर भी उमा भारती ने बयान दिया और सवाल करते हुए कहा कि क्या ओबीसी को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण मिलेगा? क्या स्कूलों में आरक्षण मिलेगा? बता दें कि बीते दिनों ही एमपी सरकार ने ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी की है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है. इस सीट के लिए कैलाश विजयवर्गीय और उमा भारती की दावेदारी की चर्चा थी लेकिन पार्टी ने केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन को उम्मीदवार बना दिया है. ऐसे में उमा भारती के शराबबंदी को लेकर दिए गए ताजा बयान को उनकी नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है.