Gwalior News: मध्य प्रदेश स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर को राज्य को बड़ा नायाब तोहफा मिला है. राज्य के ऐतिहासिक शहर और संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर को दुनियाभर में पहचान मिली है. UNESCO ने ग्वालियर को  सिटी ऑफ म्यूजिक के दर्जे से नावाजा है. यानी संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन ने ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक की मान्यता दे दी है, जिसके बाद ये शहर अब संगीत नगरी के नाम से जाना जाएगा. 


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UNESCO ने गिया सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा 
दुनियाभर में अपनी समृद्ध संगीत परंपरा के लिए पहचाने जाने वाले ग्वालियर शहर को UNESCO यानी संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन ने सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा दिया है.


देश के दो शहरों को मिला तमगा
UNESCO ने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में भारत के दो शहरों को चुना था. इनमें से क्रिएटिव सिटी म्यूजिक के लिए ग्वालियर को तमगा मिला, जबकि क्रिएटिव लिटरेचर सिटी का तमगा केरल के कोझिकोड़ को मिला. 


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तानसेन की नगरी ग्वालियर
अकबर के 9 रत्नों में शामिल संगीत के सम्राट तानसेन का जन्म ग्वालियर में हुआ था.  तानसेन के साथ-साथ महान बैजू बावरा के कारण ग्वालियर को दुनियाभर में लोग पहचानने लगे. शहर में हर साल संगीत सम्राट तानसेन की समाधि पर अंतर्राष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह का भी आयोजन किया जाता है.


नरोत्तम मिश्रा ने दी बधाई
ग्वालियर को ये उपाधि मिलने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खुशी जाहिर की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- 'ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा'. मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के सुअवसर पर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर को अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूनेस्को ने संगीत विरासत के लिए दुनिया की चुनिंदा 55 क्रिएटिव सिटीज की लिस्ट में शामिल किया है. पूरे प्रदेश और ग्वालियरवासियों को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई.


MP पर्यटन विभाग ने दी बधाई
इस खुशी के मौके पर मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि विश्व शहर दिवस पर, ग्वालियर शहर संगीत की दुनिया में अपने असाधारण योगदान के लिए आधिकारिक तौर पर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में शामिल हो गया है.


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