मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ और छतरपुर जिले में हाल ही में बीजेपी नेताओं के बीच ही विवाद सामने आया था. मामला केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक और बीजेपी के विधायक और पूर्व विधायकों से जुड़ा था. जहां वीरेंद्र खटीक की तरफ से बनाए गए सांसद प्रतिनिधियों का विरोध हुआ था. जिसके बाद यह मामला प्रदेश की सियासत में चर्चा में आ गया था. क्योंकि छतरपुर और टीकमगढ़ जिले में बीजेपी के कई विधायक और पूर्व विधायकों ने ही सांसद प्रतिनिधियों का विरोध किया था. इस बीच अब वीरेंद्र खटीक ने भी बड़ा एक्शन लेते हुए सभी सांसद प्रतिनिधियों को हटा दिया है. खास बात यह है कि हाल ही में एक सांसद प्रतिनिधि पर सात साल की बच्ची से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. जिसके बाद मामला और गर्मा गया था. 


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वीरेंद्र खटीक ने बनाए थे 132 सांसद प्रतिनिधि


दरअसल, मामला तब चर्चा में आया था, जब टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद और मोदी सरकार में मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सबसे ज्यादा 132 लोगों को सांसद प्रतिनिधि बनाया. लेकिन सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति के बाद से ही दोनों जिलों में उनका विरोध शुरू हो गया था. सोमवार को मंत्री ने दोनों जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखकर बताया कि मेरी तरफ से जिले में विभिन्न विभागों एवं स्थानों पर कार्य को सहज बनाने के लिए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई थी, विभिन्न विषयों के आने के कारण एवं पार्टी की रीति नीति एवं सिद्धांतों के तहत पार्टी हित में समस्त सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति स्थगित की जाती है.


सांसद प्रतिनिधि पर लगा था छेड़छाड़ का आरोप 


बता दें कि इससे पहले 21 सितंबर को टीकमगढ़ जिले में एक सांसद प्रतिनिधि पर सात साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. जिस पर कोतवाली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. छेड़छाड़ का मामला दर्ज होते ही केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने आरोपी सांसद प्रतिनिधि आशीष तिवारी को 21 सितंबर को पद से हटाए दिया था. इससे पहले छतरपुर जिले में बीजेपी विधायक कामाख्या प्रताप सिंह के पिता और पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह ने भी सांसद प्रतिनिधियों का विरोध किया था, जिसमें छतरपुर से वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री ललिता यादव ने भी उनका समर्थन किया था. 


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टीकमगढ़ में पूर्व विधायकों का विरोध 


वहीं टीकमगढ़ जिले में पूर्व विधायक राकेश गिरी और पूर्व विधायक राहुल सिंह लोधी ने भी डॉ. वीरेंद्र खटीक के सांसद प्रतिनिधियों का विरोध किया था. ऐसे में सत्ताधारी दल के नेताओं के बीच सियासी अदावत खुलकर सामने आ गई थी. क्योंकि मंत्री वीरेंद्र खटीक ने भी इस मामले में बड़े बयान दिए थे. लेकिन अब उन्होंने अपने सभी सांसद प्रतिनिधियों को हटा दिया है. क्योंकि बीजेपी के संगठन ने सभी नेताओं को तलब किया था. 


बता दें कि वीरेंद्र खटीक फिलहाल मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री हैं. वह बीजेपी के सीनियर नेता हैं और आठवीं बार सांसद बने हैं. इससे पहले वह मोदी वन और टू सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं, जबकि तीसरी बार बनी सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया है. 


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