दीपेश शाह/ विदिशा: मध्‍य प्रदेश के व‍िद‍िशा शहर में रव‍िवार को एक अनोखी लेकिन दुखद घटना देखने को मिली. एक अनोखा प्रेम जिसमें 56 सालों तक दोस्त की तरह पति-पत्नी साथ रहे, सुख-दुख में साथ न‍िभाया और जब संसार छोड़ने की बारी आई तब कुछ घंटों के अंतराल पर दोनों ने अपना शरीर त्याग दिया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आगे बढ़कर हाथ बंटाती थी पत्‍नी 
नंदवाना में रहने वाले 87 वर्षीय राधाकिशन महेश्वरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनकी तीमारदारी में उनकी पत्‍नी कमलादेवी जी जान से तत्‍पर रहीं. सुबह से उठकर देर रात तक होने वाले तमाम कार्यों में कमला देवी आगे बढ़कर काम करती थीं. 


तबीयत ब‍िगड़ने के बाद पत्‍नी की मौत
शन‍िवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद कमला देवी ने अपनी देह त्याग दी. उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी. उनकी दत्तक पुत्री का इंतजार करने के चलते अंतिम संस्कार रविवार को करना तय हुआ.


पत्‍नी की मौत की बात पता चलते ही पत‍ि की भी मौत 
इस बीच उनके पति राधाकिशन को इस बात की किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी. जैसे ही उनको जानकारी मिली, तभी रविवार तड़के उन्होंने भी अपनी देह त्याग दी. तब उनके परिजनों को दोनों को अंतिम विदाई एक साथ देने की प्रक्रिया पूरी करना पड़ी.नंदवाना से लेकर मुख्य तिलकचौक मार्ग तक दो अर्थियां एक साथ पति-पत्नी की लाई गईं. उसके बाद ट्रैक्टर ट्रॉली पर उन्हें सजा कर अंतिम क्रिया के लिए मुक्तिधाम लाया गया.


दोस्‍तों की तरह रहे पत‍ि-पत्‍नी 
परिजनों का कहना है क‍ि दुख की घड़ी अवश्य है लेकिन हमने उत्सव की तरह अंतिम यात्रा निकाली है. दोनों एक-दूसरे के बिना रहते नहीं थे और किसी मित्रों से कम नहीं थे. शहर से निकाली जा रही दोनों की अंतिम यात्रा के समय जिन लोगों ने भी यह दृश्य देखा, सारे इस प्रगाढ़ता को देखकर अचरज में थे.


500 रुपये के जुर्माने से खुला फर्जी कॉल सेंटर का खेल, ई-चालान के नाम पर देश में हो रही थी ठगी