Vidisha Golikand: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में चुनावी साल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. अभी विपक्ष सरकार पर पूरी तरह से हमलावर है. खास तौर पर अपराध के मामलों के लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार को लगातार घेर रही है. इसी बीच विपक्ष ने एक पुराने मामले की कार्रवाई पर सरकार द्वारा बिठाई गई जांच कमेटी (Investigation Committee) के रिपोर्ट का फैसला एक साल तक भी नहीं आने के बाद सवाल उठा रही है. 


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लटेरी हत्याकांड से जुड़ा है मामला 


विदिशा के लटेरी में 9 अगस्त 2022 को वन विभाग और आदिवासी ग्रामीणों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें वन कर्मचारी की गोली से एक आदिवासी की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे. वन कर्मियों का आरोप था कि मृतक ने लकड़ी चोरी किया था. इस घटना के बाद सरकार पर दबाव के कारण डीएफओ का ट्रांसफर कर दिया गया था और 8 वन कर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. 


जांच कमेटी


मध्य प्रदेश सरकार ने विदिशा के लटेरी में एक व्यक्ति की मौत की घटना की जांच के बाद सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीपीएस चौहान की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था. 10 दिसंबर 2022 को आयोग को तीन माह में सरकार को रिपोर्ट देनी थी जो की अब तक यानी एक साल तीन बाद तक भी नहीं दे पाया है. आयोग समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दे पाया तो दो बार आयोग को एक्सटेंशन दिया गया. 


विपक्ष का आरोप


विपक्ष चुनाव के इस समय में सरकार पर आरोप लगा रही है कि आदिवासियों के हित की बात करने वाली शिवराज सरकार लटेरी गोलीकांड पर पर्दा डालने का काम कर रही है. इसने जांच के लिए आयोग को दूसरी बार एक्सटेंशन दिया और उसके बाद भी जांच पूरी नही हो पाई.