राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों की गूंज सुनाई दी. एनएसयूआई के कार्यक्रताओं का आरोप है कि पीएचडी परीक्षा में फर्जीवाड़ा हुई है, जिसको लेकर विश्वविद्यालय जांच में देरी कर रहा है. इस दौरान कुलपति को चेतावनी देते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट 1 सप्ताह में सार्वजनिक नहीं किया तो यही पर तंबू गाड़ कर अनिश्चितकालिन धरना देंगे. वहीं कुलपति ने जांच के निर्देश दिए हैं.


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24 जुलाई को भी किया था प्रदर्शन
दरअसल एनएसयूआई के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों का आरोप यह है कि मार्च 2022 में हुई पीएचडी की परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी कर पात्र के नंबर कम कर अपात्रों को नंबर बढ़ा दिए और पास किया गया, माना जा रहा है यह व्यापम से बड़ी गड़बड़ी है और इसी की जांच के लिए एनएसयूआई ने 24 जुलाई के बाद अब दोबारा प्रदर्शन किया है.


राज भवन से लेकर आईजी तक कर चुके हैं शिकायत
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय की पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी होने की शिकायत का सबूत लेकर प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची 24 जुलाई को परिसर पहुंचे थे, जहां कुलपति के सामने उन्होंने कहा था कि हम राजभवन से लेकर आईजी और एसपी को शिकायत कर चुके है. इस मामले में और आज विश्वविद्यालय के शोध संगोष्ठी कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के पास पहुंचे थे, जहां से वे एनएसयूआई और कांग्रेस से जुड़े नेता को देख अन्य कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए, जिसके बाद से कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडे को शिकायत की कॉपी देकर तत्काल कार्यवाही की मांग की गई थी.


छात्रों ने उठाया सवाल 
छात्र नेताओं ने सवाल उठाए थे कि किसी भी परीक्षा की ओ.एम.आर शीट की जांच मशीन से होती है, जिसमें कोई हेरफेर की गुंजाईश नही होती है, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी चयन परीक्षा ओ.एम.आर शीट पर ली तो मशीन से शीट की जांच क्यों नहीं कराई गई? 


व्यापम से बड़ा मामला
एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री का गृह नगर होने के बाद भी ऐसा कृत्य कर मंत्री की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है. छात्रों ने कहा कि कुलपति तत्काल पीएचडी की आंसर शीट को कब्जे में लेकर पुलिस को सौंपे और एफआईआर दर्ज कराएं. चयन परीक्षा में धांधली होना व्यापम से बड़ा मामला है. शिकायत संज्ञान में आते ही दोषी शिक्षकों को निलंबित किया जाए.


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