अनिल नागर/राजगढ़: हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी घूंघट प्रथा काफी प्रचलित है. लेकिन आपको सुनकर हैरानी होगी कि इस घूंघट की आड़ में महिला सरपंच पद की शपथ ले लेती है. जी हां, हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में राजगढ़ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. इस मामले के बाद राजगढ़ प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल राजगढ़ के भीलखेड़ा पंचायत में विनीता नाम की एक महिला ने अनीता बनकर सरपंची का चुनाव लड़ा और जीत भी गईं. चौकाने वाली बात तो यह है कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने उसे प्रमाण-पत्र भी दे दिया और उसने घूंघट की आड़ में शपथ भी ले ली.


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आपको बता दें कि अनीता का इस पंचायत से कोई नाता नहीं रहा. अनीता का अपने पति से बहुत पहले ही तलाक हो चुका है. वो अभी राजस्थान में अपने ससुराल में रह रही थी. इसके अलावा अनीता अनुसूचित जाति से भी नहीं है जबकि पंचायत में आरक्षण अनुसूचित जाति का था.


दरअसल भीलखेड़ा पंचायत के सत्यनारायण की पहली पत्नी अनीता बाई से मतभेद होने के बाद दोनों कई वर्ष पहले अलग हो गए थे. वर्तमान में अनीता दूसरी शादी के बाद अपनी ससुराल राजस्थान में रह रही है. सतनारायण ने विनीता से दूसरी शादी की है. जिन पर दूसरे दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़कर जीतने का आरोप लगाया गया है.


इंदौर हाईकोर्ट पहुंचा मामला
सरपंच पंचायत उम्मीदवार हारे हुए प्रत्याशी के पति रमेश मालवीय ने आरोप लगाया है. इसकी शिकायत इंदौर हाई कोर्ट में की है. उन्होंने आरोप लगाया कि विजेता सरपंच अनिता बाई का असली नाम विनीता है और उन्होंने अपने पति सत्यनारायण की पहली पत्नी अनीता के दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा है. रमेश मालवीय ने अनीता बाई की वोटर आईडी मतदाता सूची की प्रति भी हाई कोर्ट में पेश की है. इसके आधार पर बताया कि अनीता बाई की पंचायत की वोटर आई डी काफी पुरानी है और चुनाव लड़ने वाली विनीता की शादी को 10 साल के लगभग हुए हैं. इस तरह पंचायत की मतदाता सूची में 20 साल पहले विनीता का नाम कैसे आ सकता है? या सीधा सीधा गलत तरीकों का इस्तेमाल कर चुनाव जीतने का मामला है. मालवीय ने चुनाव को निरस्त करने की मांग की है. 


अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी
वही रमेश मालवीय ने आरोप लगाया है कि पहली पत्नी जिस से तलाक हो चुका है दूसरी पत्नी ने घुंघट के आड़ में अनीता बनकर शपथ ली है. इंदौर हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गई. अब मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी.