सत्येंद्र परमार/निवाड़ी: हर साल मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता का विवाहोत्सव मनाया जाता है. राम सीता विवाहोत्सव को लेकर बुंदेलखंड की अयोध्या यानी ओरछा दुल्हन की तरह सज कर तैयार हो चुकी है. अब यहां जन-जन के आराध्य प्रभु श्री राम राजा सरकार के विवाह महोत्सव का इंतजार है. भगवान श्री राम का विवाह महोत्सव हर वर्ष तीन दिवस तक बड़ी ही धूमधाम और राजसी परंपरा के साथ-साथ बुंदेली संस्कृति के साथ मनाया जाता है.


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जानिए कैसे होता है आयोजन
तीन दिनों तक चलने वाले राम विवाहोत्सव के पहले दिन भगवान राम दूल्हा बनते हैं और उन्हें बुंदेली रीति-रिवाजों के अनुसार पहले दिन गणेश पूजन के साथ भगवान को तेल व हल्दी चढ़ाई जाती है, दूसरे दिन भगवान का मंडप सजाया जाता है और बुंदेली परंपरा के अनुसार भगवान के मंडप के नीचे महाभोज का आयोजन किया जाता है, तीसरे दिन भगवान दूल्हा बनते हैं और उनकी बारात पूरे राजसी ठाठ बाट के साथ नगर में भ्रमण करती हैं, जहां नगरवासी भगवान का अपने-अपने घरों के दरवाजों पर भव्य स्वागत करते हैं, उसके बाद भगवान की बारात जानकी मंदिर पहुंचती है, जहां भगवान के विवाह की रश्मों को पूरा किया जाता है, विवाह की सारी रश्मों के बाद भगवान की बारात श्री राम राजा मंदिर में आ जाती है.


50 हजार से अधिक लोग ग्रहण करते हैं महाप्रसाद
भगवान के इस महाभोज में करीब 50 से 60 हजार व्यक्ति महाप्रसाद को ग्रहण करने के लिए आते है, इसी को देखते हुए मंदिर प्रबंधन जिला प्रशासन और पुलिस ने अपनी सारी तैयारी को पूरा कर लिया है. भगवान के महाप्रसाद में पूड़ी सब्जी रायता और बूंदी का प्रसाद भक्तों को बिठा कर दिया जाता है. इतनी बड़ी मात्रा को देखते हुए तैयारियां भी पहले से शुरू हो जाती है यह प्रसाद शुद्ध देसी घी से निर्मित होता है.


जानिए क्या कहा तहसीलदार ने
ओरछा तहसीलदार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भगवान के विवाह महोत्सव की लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, बारात के रूट को एक बार कलेक्टर के द्वारा पूरी तरह से चेक कर लिया गया है. एसपी निवाड़ी यातायात की व्यवस्था पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह जायजा लिया जा चुका है साथ ही साथ सजावट और बारात में कितने लोग पहुंचेंगे और शामिल होंगे इसकी पूरी मैपिंग की जा चुकी है.