Water Crisis in MP: मध्यप्रदेश के कई गांवों में नल जल योजना केवल कागजों में ही देखने को मिल रही है. प्रदेश के पन्ना जिले के लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि लोग नदी के किनारे गड्ढे खोद रहे हैं और गड्ढों से पीने का पानी निकाल रहे हैं. यहां सुबह से शाम तक यही काम चल रहा है. अब तो नदियों का पानी भी सूख गया है.


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पन्ना जिले के पवई क्षेत्र के अंतर्गत मुछवारी गांव की हरिजन बस्ती की आबादी लगभग 1000 है. यहां के रहवासी कई समय से पीने के पानी के लिए दर-दर भटकते रहे है . महिलाएं, बच्चे व बुजु्र्ग रोज पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. रोज 1 किमोमिटर दूर नदी से पीने का पानी लाते हैं. अब तो नदी का पानी भी सूखने की कगार पर है. जिले में नल जल योजना के तेहत नल है पर उसमें पीने के लिए पानी नहीं है. 


अधिकारियों के कानों में जू तक नहीं रेंगी 
गांव वालों के बार-बार कहने के बाद भी अधिकारियों के कानों में जू तक नहीं रेंगी है. एक तरफ केंद्र सरकार हर घर नल जल योजना के तहत घर-घर शुद्ध पानी पहुंचने का दावा कर रही है, वहीं इस मुड़वारी ग्राम के रहवासी नदी किनारे गड्ढा खोदकर पानी पीने को मजबूर हैं. जो सरकार की योजना की सच्चाई को उजागर करने के लिए काफी है. कहने को तो गांव में पानी की टंकी बनी हुई है लेकिन सिर्फ शो पीस, जिस वजह से यह समस्या गर्मी के मौसम में और बढ़ जाती है. नदी नाले तालाब सब सूख रहे हैं. लोग अपने पीने के पानी के जुगाड़ के लिए 2 किलोमीटर दूर निजी बोर से पानी का लाते हैं और ऐसा करते हुए लंबी लाइन देखती है. मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहनों का पानी भर-भर के बुरा हाल है. 


भूख हड़ताल पर बैठेगे ग्रामीण 
एक साल से अधिक समय से पानी की समस्या से परेशान ग्रामीण का सब्र अब टूट गया है. पंचायत भवन के बाहर एकत्रित हो के सभी रहवासी ने अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए एक ज्ञापन सौपां है. ज्ञापन में गांव वालो ने लिखा है कि सालों से शिकायत करते आ रहे हैं पर समस्या का समाधान नहीं हुआ. यदि अब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हम लोग उग्र आंदोलन और भूख हड़ताल करेंगे.


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नदीं से गंदा पानी पीते हैं 
नदी के पास गड्ढा खोदकर पानी निकाल रहे है पर उसी में गाये भैंसो को नहाया जाता. साथ ही नदी का पानी बेहद गंदा है. आज अपनी शिकायत लेके पंचायत भवन आए है ताकी कुछ हल निकले. गांव के सरपंच अरविंद दहायत का कहना है कि पानी की समस्या की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. अधिकारियों को सारी जानकारी है. यहां पर एक पानी के टंकी की भी व्यवस्था की जाएगी. उनका कहना है कि प्रशासन को उन्होंने जानकारी दी और प्रशासन ने आश्र्वासन दिया था कि 1 माह के अंदर हमारे यहां पानी आजाएगा. फिलहाल 10 दिन के अंदर पानी की समस्या का वैकल्पिक व्यवस्था हो जाएगा. 


औरतें रो-रो कर पानी भर रहीं 
ग्रामवासी रमेश ने बताया कि हरिजन महौल्ला में पानी की समस्या बहुत ज्यादा है. कम से कम 50 साल का हो गया मैं 50 साल से यहां पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ है. प्रशासन कहता है कि 10 दिन में पानी आ जाएगा पर कुछ नहीं होता है. हम गांदा पानी पी रहे हैं. औरतें रो-रो कर पानी बर रही हैं. गड्ढा खोदकर उसमें से छाना हुआ पानी पीते है पर वहां पर भी रात में शराबी आके गंदगी मचा देते हैं. अभी तक हमारी समस्या की कोई सूनवाई नहीं है.