Shivangi Nagar: दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की बेटी को दिया 1.80 करोड़ का पैकेज
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Shivangi Nagar: दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की बेटी को दिया 1.80 करोड़ का पैकेज

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के गांव कचेडा की बेटी शिवांगी नागर ने अपने गांव का नाम रोशन किया. शिवांगी ने ओरेकल में ₹1.8 करोड़ के पैकेज पर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी हासिल की.​​ ओरेकल सॉफ्टवेयर कंपनियों में विश्व में तीसरे नंबर पर है.

 

Shivangi Nagar: दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की बेटी को दिया 1.80 करोड़ का पैकेज

Shivangi Nagar: नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग अक्सर बाहर जाते हैं, होटल, मॉल और रेस्तरां में पार्टी करते हैं. लेकिन ग्रेटर नोएडा के गांव कचेडा में इस बार कुछ अलग हुआ. गांव के लोग जश्न मनाने बाहर नहीं गए, बल्कि मास्टर धर्मपाल के आवास पर जुटे. इस विशेष अवसर पर नव वर्ष का जश्न मनाया गया, जो एक बेटी की सफलता का प्रतीक था.

शिवांगी नागर की उपलब्धि
यह जश्न खासतौर पर शिवांगी नागर की सफलता पर मनाया गया. शिवांगी ने गौतमबुद्ध नगर जिले में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. वह जिले की पहली बेटी हैं, जिन्हें अमेरिका की ओरेकल कंपनी में 1 करोड़ 80 लाख के पैकेज पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी मिली है. ओरेकल सॉफ्टवेयर कंपनियों में विश्व में तीसरे नंबर पर है.  

जश्न का माहौल
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अमेरिका से लौटी शिवांगी ने अपने गांव कचेडा का नाम इतिहास में दर्ज कराया. इस मौके पर मास्टर धर्मपाल सिंह के घर पर जश्न का माहौल था. DJ की धुन और लजीज व्यंजनों की खुशबू ने इस जश्न में चार चांद लगा दिए. शिवांगी के परिजन अपनी बेटी की उपलब्धि से फूले नहीं समा रहे थे. शिवांगी की सफलता ने केवल कचेडा ही नहीं, बल्कि पूरे ग्रेटर नोएडा वासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. क्षेत्र के लोग इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं. शिवांगी का परिवार शिक्षा के प्रति समर्पित रहा है, जिससे वह हमेशा पढ़ाई में अव्वल रही.

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परिवार का शैक्षिक माहौल
शिवांगी को बचपन से ही शैक्षिक माहौल मिला है. उनके दादा धर्मपाल सिंह दिल्ली में शिक्षक रहे है.  उनके परिवार में कई सदस्य शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं, जैसे कि बुआ और चाचा जो दिल्ली शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं. इस तरह का माहौल शिवांगी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना. शिवांगी के परदादा चौधरी नत्थे सिंह गांव के दो बार प्रधान रहे हैं. जब पंचायती राज प्रणाली शुरू हुई, तो उन्हें निर्विरोध प्रधान चुना गया. शिवांगी के चाचा भुमेश नागर भी 2005 से 2010 तक गांव के प्रधान रहे. इस प्रकार, शिवांगी का परिवार न केवल शिक्षा में, बल्कि गांव की सेवा में भी अग्रणी रहा है.
 
शिवांगी की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि शिक्षा और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. सबसे पहले, मुम्बई की सीमेंस इंजीनियरिंग कंपनी ने शिवांगी को सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया. इसके बाद, उसने अपने मिशन एजुकेशन को आगे बढ़ाते हुए अमेरिका की नार्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में एम एस किया. शिवांगी की सॉफ्टवेयर डेवलपर की प्रतिभा को पहचानते हुए, अमेरिका के आस्टिन में स्थित ओरेकल कंपनी ने उसे नौकरी के लिए चुना. पिछले वर्ष जुलाई में, उसे इस प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में 1 करोड़ 80 लाख के सालाना पैकेज पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया गया.

शिवांगी की इस सफलता पर गांव वालों ने एक सम्मान समारोह का आयोजन किया. इस समारोह में क्षेत्र के प्रमुख लोगों ने शिवांगी को आशीर्वाद दिया और उज्जवल भविष्य की कामना की. समारोह में पूर्व विधायक रूप चौधरी भी शामिल रहे, जो शिवांगी के मौसा हैं. यह आयोजन न केवल शिवांगी के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व का पल था.

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