कांग्रेसियों को कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करना पड़ा भारी, जीतू पटवारी ने कर दिया खेला
Kailash Vijaywargiya Swagat: कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करने वाले कांग्रेसियों को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने निलंबित कर दिया. मामले पर बीजेपी का कहना है कि ये खुद कांग्रेस में एक दूसरे को निपटाने की राजनीति हो रही है.
Indore News: कांग्रेसियों को कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करना भारी पड़ गया. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इंदौर शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. साथ ही 7 दिन में जवाब मांगा है. विजयवर्गीय को गुलाब जामुन खिलाते फोटो वायरल होने के बाद इंदौर के शहर व ग्रामीण अध्यक्ष को 20 जुलाई को निलंबन का नोटिस जारी कर दिया गया और वो भी ऐसे कि किसी को कानो-कान ख़बर नहीं हुई. अब मामला खुला तो चर्चा में आ गया.
7 दिन में मांगा जवाब
कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करने वालों को लेकर जीतू पटवारी ने खेला कर दिया. इंदौर शहर सुरजीत चड्डा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को निलंबित कर दिया. पीसीसी की तरफ से जारी लेटर में लिखा है कि नोटिस का जवाब 7 दिन के भीतर भेजें, तब तक आप निलंबित रहेंगे. बता दें हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय इंदौर कांग्रेस के ऑफिस पहुंचे थे. वो पौधारोपण कार्यक्रम के लिए कांग्रेस नेताओं को आमंत्रण देने गए थे. इसी दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्षों ने उनका जोश जोश में खूब स्वागत कर डाला. मामला 12 जुलाई का है.
एमपी में स्वागत पर सियासत
कैलाश विजयवर्गीय के स्वागत पर अब जमकर राजनीति हो रही है. मिठाई खिलाना कांग्रेस जिला अध्यक्षो को इतना भारी पड़ गया कि दोनों को निलंबित कर दिया गया. इसपर बीजेपी ने कहा कांग्रेस में एक दूसरे को निपटाने के खेल चल रहे हैं. रजनीश अग्रवाल ने कहा कैलाश जी तो सुचिता और संस्कारो वाली सियासत करते हैं. कांग्रेस में जीतू पटवारी को सब निपटा रहे हैं. कांग्रेस खुद आपस में लड़ाई लड़ रही है.
अनुशासनहीनता के आरोप
कुछ मीडिया में छपी जानकारी के मुताबिक उप संगठन प्रभारी को जो नोटिस मिला है, उसमें कहा गया है कि ऐसा व्यक्ति जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की. इंदौर की जनता से उनके मत का अधिकार छीनने का कृत्य किया और देश-विदेश में इंदौर को शर्मसार किया. इसकी निंदा इंदौर वासियों ने भी की. ऐसे व्यक्ति का स्वागत सत्कार इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. आप 7 दिन में अपना स्पष्टीकरण दें. इस अवधि में आपको आपके वर्तमान पद से निलंबित किया जाता है