Betul News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद गंभीर नज़र आ रहे हैं. ऐसे में वन संपदा, सघन वन और वन्यजीवों से समृद्ध बैतूल जिले के पश्चिमी वन मंडल में बीते कुछ वर्षों में गर्मी के सीजन में आग लगने की घटनाएं बढ़ती ही जा रही थीं. 95 हजार हेक्टेयर वाले पश्चिमी वन मंडल में बढ़ती आगजनी को रोकने के लिए डीएफओ वरुण यादव ने रेंजरों, वनकर्मियों और वनवासियों से सुझाव आमंत्रित कर एक कारगर योजना तैयार की. जिसके बाद जमीनी स्तर पर पहुंच कर जंगल में आग लगने के हर पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई इस योजना का नतीजा यह हुआ कि पश्चिमी वन मंडल के जंगल में चालू सत्र में 99% जंगल की आग को रोक दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

99% आगजनी को जंगल में होने से रोका गया 
बता दें कि यह सब मुमकिन हो पाया है डीएफओ के बनाए संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम से. पिछले आंकड़ों की बात करें तो पश्चिमी वन मंडल की 123 बीटों में 88 बीट आगजनी के नजरिए से अतिसंवेदनशील मानी जाती हैं. जिनमें 2021 में 1299 आगजनी की घटनाओं में 478 हेक्टेयर वन भूमि में हानि हुई थी. संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम के बाद 2024 में 12 आगजनी के मामलों में केवल 9 हेक्टेयर वन भूमि में हानि हुई है. विभाग ने 99% आगजनी को जंगल में होने से रोक लिया है. 


ये भी पढ़ें: MP Politics: फिर कांग्रेसी नेताओं पर बरसे लक्ष्मण सिंह, सोशल मीडिया के जरिए दी ये बड़ी नसीहत


MP में कानून व्यवस्था पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाये सवाल, शराब माफियाओं का वीडियो शेयर कर कहा...


संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को वनों से जोड़ने के लिए गांवों में विकास कार्य किए गए इसके साथ ही युवाओं को खेल-कूद के माध्यम से जंगल से जोड़ा गया. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में वनों में आग पर काबू पाने के लिए चार महीनों में 748 बैठकें ली गईं, प्रशिक्षण, संसाधन उपलब्ध करवा कर टीम वर्क किया गया. अब मध्य प्रदेश में पश्चिमी वन मंडल ने क्षेत्रफल के नज़रिए से जंगल की आग रोकने में पहला स्थान हासिल किया है. पश्चिमी वन मंडल इस उपलब्धि के लिए राज्य स्तर पर सम्मानित होने का हकदार भी हो गया है.