नई दिल्ली: अक्सर ऐसा होता है कि जब भी हम किसी को देखते हैं तो उसका नाम याद रहे या ना रहे लेकिन चेहरा जरूर याद रह जाता है. लेकिन क्या होगा जब किसी का चेहरा ही याद न रहें ? यहां तक की आप अपने परिवार के सदस्यों को ही पहचान न पा रहे हों. हॉलीवुड एक्टर ब्रैड पिट एक ऐसी ही बीमारी से जूझ रहें हैं, जिसका नाम है 'Face Blindness' इसे हम प्रोसोपेग्रोसिया (Prosopagnosia) के नाम से भी जानते हैं.


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ब्रैड पिट ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें लोगों के चेहरे याद नहीं रहते. सामाजिक समारोह में जब पिट शामिल होते हैं, तो वो लोगों के चेहरे में अंतर महसूस नहीं कर पाते हैं. आज आपको यहां बता रहे हैं. इसी बिमारी के बारे में...


क्या है 'Face Blindness'
'फेस ब्लाइंडनेश' या फिर 'प्रोसोपेग्रोसिया' एक मानसिक विकार है. ये दिमाग के एक हिस्से 'Fusiform Gyrus'  को हानि पहुंचाता है. दिमाग का ये हिस्सा तंत्रिका तंत्र के समन्वय में बेहद अहम भूमिका निभाता है. किसी प्रकार का सदमा या फिर चोट लगने पर भी ये बीमारी इंसान को अपनी चपेट में ले सकती है.
बता दें कि दिमाग के तीन हिस्से हमें किसी व्यक्ति को पहचानने में मदद करते हैं. जब हम किसी व्यक्ति को देखते हैं तो दिमाग के पहले हिस्से में उस इंसान के बनावट की तस्वीर उभरती है. दिमाग का दूसरा हिस्सा उसे पूरा करता है, और तीसरा हिस्सा ये बताता है, कि उस व्यक्ति को पहले देखा है, या फिर नहीं. किसी इंसान को पहचानने में दिमाग के ये तीनों हिस्से काम करते हैं. अगर 'फ्यूसीफॉर्म गाइरस' [Fusiform Gyrus] को क्षति पहुंचती है तो फेस ब्लाइंडनेस बीमारी हो सकती है.


Face Blindness के लक्षण
1. Face Blindness से पीड़ित व्यक्ति उन लोगों को नहीं पहचान पाते जिनसे वो अचानक मिलते हैं.
2. सार्वजनिक मीटिंग्स में ये कभी अकेले नहीं रहते हैं.
3. इस बीमारी से ग्रसित इंसान दोस्त बनाने से कतराते हैं, क्योंकि इन्हें डर रहता है कि ये उसका चेहरा भी भूल जाएंगे और फिर इन्हें आत्मग्लानि होगी.
4. फिल्म या किसी शो की कहानी को समझने में इन्हें परेशानी होती है.


Face Blindness का इलाज
अगर किसी इंसान को 'फेस ब्लाइंडनेस' की समस्या है, तो उसे तुरंत 'न्यूरोलॉजिस्ट' से संपर्क करना चाहिए. क्योंकि 'न्यूरोलॉजिस्ट' चेहरे को पहचानने की क्षमता का मुल्यांकन करके इलाज को शुरु करते हैं. हालांकि बता दें कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. हां लेकिन कुछ प्रयोगों को उपयोग में लाकर इस बीमारी की स्थिति को सुधारा जरूर जा सकता है. इन्हीं प्रयोगों को न्यूरोलॉजिस्ट भी करते हैं.


उदाहरण के लिए परिवार और परिचितों की तस्वीरों को बार-बार दिखाना. ताकी फेस ब्लाइंडनेस से पीड़ित व्यक्ति उन्हें पहचना सके. विशेष व्यक्ति के शरीर की विशेषताओं को याद रखने की प्रैक्टिस कराना. जैसे घुंघराले और सीधे बाल, कद छोटा या बड़ा होना आदि. बता दें कि इन प्रयोगों से सिर्फ स्थिति को थोड़ा बहुता सुधारा जा सकता है पूरी तरह से बीमारी को ठीक नहीं किया जा सकता है. अभी भी फेस ब्लाइंजनेस की समस्या को समझने और इसके इलाज पर रिसर्च किया जा रहा है.


नोट- इस लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं. फेस ब्लाइंडनेस की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही किसी प्रकार का इलाज या थेरेपी शुरु करें.


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