Indore News: क्या है इंदौर का ड्रेनेज घोटाला? करोड़ों के हेरफेर में पुलिस-प्रशासन का बड़ा एक्शन
Indore Drainage Scam: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुए ड्रेनेज घोटाले पर एक्शन लेते हुए सात आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. पुलिस ने सातों आरोपियों के बैंक अकाउंट से लेन-देन पर रोक लगा दी है. जानें क्या है इंदौर ड्रेनेज घोटाला-
MP News: इंदौर शहर में करीब 64 करोड़ के ड्रेनेज घोटाले की जांच जारी है. इस मामले में एक्शन लेते हुए 7 आरोपियों के अकाउंट से लेन-देन पर रोक लगा दी गई है. आरोपियों में पांच ठेकेदार और दो नगर निगम के कर्मचारी शामिल हैं. शहर में ड्रेनेज का काम हुए बिना ही 47.53 करोड़ रुपए के बिल पास कर दिए गए हैं, जिसकी जांच हो रही है.
क्या है इंदौर ड्रेनेज घोटाला
इंदौर शहर में ड्रेनेज लाइन बिछाने के नाम पर 10 ठेकेदारों ने इंदौर नगर निगम को करीब 64 करोड़ रुपए का फर्जी बिल थमाया. ये बिल उस काम के लिए था, जो हुआ ही नहीं है. बिल पेश होने के बाद नगर निगम की ओर से करीब 47 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया. इस घोटाले में 5 ठेकेदार और दो नगर निगम कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है.
पुलिस ने अकाउंट किया फ्रीज
इंदौर ड्रेनेज घोटाले को लेकर जानकारी देते हुए DCP पंकज कुमार पांडे ने बताया कि पुलिस ने सात आरोपियों के बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है. इन 7 आरोपियों में पांच ठेकेदार और दो इंदौर नगर निगम के कर्मचारी शामिल हैं. DCP पांडे ने बताया कि इन सातों आरोपियों के बैंक खातों में कुल 1.13 करोड़ रुपए जमा मिले हैं.
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पुलिस ने किया खुलासा
ड्रेनेज स्कैम के बारे में जानकारी देते हुए DCP पंकज कुमार पांडे ने बताया- 'अब तक की जांच में पता चला है कि गुजरे बरसों के दौरान शहर में ड्रेनेज लाइन बिछाने के नाम पर ठेकेदारों की 10 फर्मों ने इंदौर नगर निगम में करीब 64 करोड़ रुपए के फर्जी बिल पेश किए. इनमें से 47.53 करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान भी कर दिया गया.' पुलिस की छानबीन में खुलासा हुआ है कि जिस ड्रेनेज लाइन के लिए ठेकेदारों को भुगतान किया गया है वो काम कभी हुआ ही नहीं है.
16 लोगों के खिलाफ हो चुकी कार्रवाई
इस मामले में अब तक 8 ठेकेदार और इंदौर नगर निगम के आठ कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले में अभी भी जांच जारी है.
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पुलिस ने इससे पहले 20 मई को आरोपियों के बैंक खातों में जमा कुल 70 लाख रुपए के लेन-देन पर रोक लगा दी थी. 12 सदस्यों की टीम आरोपियों के बैंक अकाउंट और लॉकर की डिटेल जांच में जुटी हुई थी. अभी भी इस मामले में विस्तृत जांच जारी है.