What is Jal Ganga Sanvardhan Abhiyan: मध्य प्रदेश में 5 जून से 16 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत गुरुवार को भोपाल के छोटा तालाब पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए. जिसमें उन्होंने कहा कि 5 जून से प्रदेश में शुरू हुए जल गंगा संवर्धन अभियान में आसपास के जल स्रोतों के संरक्षण और स्वच्छता के साथ-साथ इन स्थानों पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश में 5 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का है. पूरे प्रदेश में जनभागीदारी से पौधे लगाये जायेंगे. जल गंगा संवर्धन अभियान गंगा दशहरा के बाद भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सभी स्थानीय निकाय अपने-अपने स्तर पर गतिविधियां संचालित करेंगे. इसके साथ ही सीएम ने भोपाल में छोटे तालाबों की सफाई के लिए चलाये जा रहे अभियान की सराहना की है.


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आपको बता दें कि पूरे प्रदेश जल गंगा संवर्धन अभियान में महत्वपूर्ण जल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएंगे. इस अभियान में नदियों के उद्गम स्थलों के संरक्षण के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से कई पहल शामिल हैं. जल संरचनाओं पर केंद्रित जल सम्मेलन आयोजित की जाएंगे.


कुओं, बावड़ियों की स्वच्छता के लिए कार्य होंगे
भोपाल महापौर मालती राय ने बताया कि अभियान के तहत सुबह 8 बजे से 10 बजे तक भोपाल के विभिन्न तालाबों के किनारे बारह स्थानों पर स्थानीय निवासियों और नगर निगम की टीम के साथ स्वच्छता गतिविधियां संचालित की जाएंगी. इसी प्रकार भोपाल के 54 कुओं और 42 बावड़ियों की स्वच्छता एवं संरक्षण के लिये जनसहयोग से कार्य किया जायेगा. इन जलस्रोतों के पानी का समुचित उपयोग भी किया जा सकेगा.


वॉटर स्पोर्ट्स को मिलेगा बढ़ावा
सीएम डॉ. यादव ने प्रदेश में वॉटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि भोपाल के साथ-साथ इंदौर और उज्जैन में भी वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. हमारा लक्ष्य अगले साल होने वाले ओलंपिक में पदक लाना होगा. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति में जीवन नदियों, पहाड़ों और पृथ्वी को माना जाता है. मध्य प्रदेश देश की नदियों का केन्द्र बिन्दु है. सभी दिशाओं में बहने वाली नदियां यहीं से निकलती हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के नदी जोड़ो अभियान की संकल्पना को मूर्त रूप देते हुए केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी है और राज्य सरकार को 45 हजार करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश सरकार को 45 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराये हैं.


ऑर्गेनिक खेती के दिए सुझाव 
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी की पवित्रता और दिव्यता को बरकरार रखना जरूरी है. प्रदेश के जिन नगरीय निकायों का कचरा नर्मदा नदी में जा रहा है, उन्हें एक वर्ष के भीतर बंद करने के निर्देश दिये गये हैं. नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से नर्मदा नदी के दोनों ओर दो किलोमीटर के क्षेत्र में किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया.  कुओं, तालाबों, बावड़ियों आदि जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण के लिए स्थानीय जनता के सहयोग से गतिविधियां संचालित करेंगे.