प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर काम कर रही है. इसके तहत प्रदेश के गांवों को सौर ऊर्जा की बिजली से चमकाया जाएगा. सरकार ने इसके लिए सूर्य शक्ति अभियान की शुरुआत कर दी है. इस तरह का अनूठा अभियान शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल सरकार गांवों के स्तर पर विभिन्न व्यवस्थाओं के संचालन में परंपरागत बिजली पर निर्भरता कम करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने सूर्य शक्ति अभियान की शुरुआत की है. योजना के पहले चरण में 5 हजार से अधिक आबादी वाली 714 ग्राम पंचायतों और हाट बाजारों वाले सभी गांवों, सभी जिलों और जनपद पंचायत कार्यालयों को सूर्य शक्ति अभियान में शामिल किया जाएगा. 


योजना के तहत गांव की स्ट्रीट लाइटें, नल-जल प्रदाय, कार्यालयों और अन्य कामों में सोलर बिजली का उपयोग किया जाएगा. बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में एक करोड़ घरेलू जल कनेक्शन दिए जाने हैं. इस काम में ग्राम पंचायतों के बिजली बिल पर करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. अब सूर्य शक्ति अभियान के तहत सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से इस राशि को बचाने पर सरकार का जोर है. 


अभियान के तहत ग्राम और जनपद पंचायतों में कुल मासिक बिजली की खपत का आंकलन कर उसके बराबर सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए ऊर्जा ऑडिट किया जा रहा है. 15वें वित्त, राज्य वित्त और पंचायतों की कमाई से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की व्यवस्था की जाएगी. इस साल ही कई ग्राम पंचायतों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है.  


खरगोन और खंडवा जिले में योजना को लेकर स्टडी भी की गई है. जिसमें पंचायतों का एनर्जी ऑडिट किया गया और उसके आधार पर डीपीआर तैयार की गई है. फिलहाल सरकार कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रही है. जिसके बाद पंचायतों में सोलर प्लांट लगाने का काम शुरू हो जाएगा. सरकार प्लांट लगाने में सब्सिडी का भी फायदा देगी.