Memu Train: दुनिया भर के रेलवे सेवा में हर दिन नया कदम उठाया जा रहा है, बुलेट ट्रेन सहित कई हाई स्पीड की ट्रेनें चल रही है. भारत में भी लगातार रेलवे सेवा पर काम हो रहा है, यहां पर वंदे भारत शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चल रही है जिससे रेलवे का सफर आसान हुआ है. इसके अलावा देश में ऐमू ट्रेन, डेमू ट्रेन और मेमू (know memu train) जैसी ट्रेन चलाई जा रही है. इसमें हम बताने जा रहे हैं कि क्या होती है मेमू ट्रेन जिसके जरिए लोग सफर करते हैं.


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क्या होती है मेमू ट्रेन
मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टी यूनिट (मेमू) बिजली से चलने वाली मेन लाइन ट्रेन है. इसका परिचालन साल 1995 में शुरु हुआ था. ये सबसे पहले आसनसोल-आद्रा खंड पर और 22 जुलाई 1995 को खड़गपुर-टाटा खंड के बीच दौड़ी थी. 


ये ट्रेन ज्यादातर एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने का काम करती हैं. मुंबई में जो लोकल ट्रेन कही जाती है वह मेमू ट्रेन ही. इन ट्रेनों की रफ्तार की रफ्तार की बात करें तो ये पैसेंजर ट्रेन से ज्यादा स्पीड में चलती है और इसकी रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहती है. इस समय इस ट्रेन का संचालन कई राज्यों में किया जा रहा है. जिससे लोगों को सफर करने में काफी राहत मिल रही है.


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मेमू ट्रेन की खास बातें
मेमू ट्रेन कई तरह की सुविधाओं से लैस होती है. इस ट्रेन में हर कोच में ट्रेक्शन मोटर लगा होता है. कहा जाता है इसकी वजह से ये तुरंत स्पीड पकड़ लेती है. इसके अलावा जहां पर स्टॅाप होता है ये आसानी के साथ रुक जाती है. इस ट्रेन की विशेषता है कि इसमें तीन कोच एक साथ जुड़े रहते हैं और हर तीन कोच के बाद एक इंजन लगा रहता है. इसकी वजह से ये ट्रेन गति के साथ चलती है.


 



 


MP में मेमू ट्रेन
मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव है इसे लेकर पार्टी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसी को देखते हुए भारत सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश के ग्वालियर से इटावा तक मेमू ट्रेन का आवागमन शुरु हुआ. इसका शुभारंभ भिंड में दतिया के सांसद संध्या राय ने हरी झंडी दिखाकर किया. इसका उद्देश्य देश यात्रियों को कम समय और कम खर्चे में अपने गंतब्य तक पहुंचाना है.