Uniform Civil Code क्या है? लोकसभा चुनाव से पहले क्यों होने लगी इसकी चर्चा? जानिए
Uniform Civil Code: उत्तराखंड की कैबिनेट बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. इसके बाद UCC का मुद्दा एक बार फिर से गर्मा गया है. ऐसे में आईये हम आपको बताते हैं कि समान नागरिक संहिता क्या है?
Uniform Civil Code: उत्तराखंड की कैबिनेट बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. इसके बाद UCC का मुद्दा एक बार फिर से गर्मा गया है. लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है. तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं. ऐसे में आईये हम आपको बताते हैं कि समान नागरिक संहिता क्या है?
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 6 फरवरी को विधानसभा सत्र में यूसीसी पटल पर रखने वाले हैं. विधानसभा से पास होने के बाद जल्द ही यह कानून बन जाएगा. इसे लेकर ये देशभर में फिर चर्चा में आ गया है.
क्या है समान नागरिक संहिता ?
समान नागरिक कानून के मुताबिक पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, बच्चा गोद लेने के नियम एक होंगे. संविधान के अनुच्छेद 44 में भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का प्रावधान लागू करने की बात कही गई है. ऐसे में एक पत्नी के रहते हुए आप दूसरी शादी नहीं कर सकते. फिलहाल भारत में कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय होते हैं. ऐसे में अगर समान नागरिक संहिता को भविष्य में लागू किया गया तो सभी धर्मों के लिए वही कानून होगा, जिसे भारतीय संसद द्वारा तय किया जाएगा.
गोवा में लागू है UCC
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर UCC लागू है. संविधान में गोवा को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है. इसे गोवा सिविल कोड के नाम से जाना जाता है. वहां हिंदू, मुस्लिम, और ईसाई समेत धर्म जातियों के लिए एक ही फैमिली लॉ है. गोवा में मुस्लिमों को 4 शादियां करने का अधिकार नहीं है, .यहां कोई ट्रिपल तलाक भी नहीं दे सकता.
कांग्रेस करेगी UCC का विरोध
उत्तराखंड के बाद एमपी में भी समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) यानी यूसीसी लागू किए जाने की चचा तेज हो गई है. इसी बीच कांग्रेस ने UCC को अराजकता बढ़ाने वाला बताया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यूसीसी पर सरकार का रवैया नफरत की नई राजनीति की शुरुआत करेगा. सभी को इसका विरोध करना चाहिए. यह देश को अराजकता की ओर ले जाएगा.