MP के किसानों के लिए अच्छी खबर, अब इस तारीख तक होगी गेहूं खरीदी, जानिए अपडेट
MP Govt Wheat Purchase: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए एक अच्छी खबर है, मोहन सरकार ने गेहूं खरीदी की तारीख को फिर से बढ़ा दिया है.
MP Govt Wheat Purchase Date Extends: मध्य प्रदेश में गेहूं खरीदी का समय सरकार ने बढ़ा दिया है, जो किसानों के लिए अच्छी खबर मानी जा रही है. सरकार ने गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं, जबकि सभी जिलों के कलेक्टर और खाद्य आयुक्तों को भी निर्देशित कर दिया गया है. फिलहाल प्रदेश में गेहूं खरीदी का काम जोरो से चल रहा है. सभी खरीदी केंद्रों पर किसानों की भीड़ जुट रही है.
31 मई तक होगी खरीदी
मध्य प्रदेश में अब 31 मई तक गेहूं की खरीदी होगी, पहले सरकार ने 20 मई तक गेहूं खरीदने का समय निश्चित किया था, लेकिन अब 11 दिनों का समय और बढ़ा दिया गया है. सभी जिलों के खाद्य आयुक्त और कलेक्टरों ने भी गेहूं खरीदी की नई तारीख के आदेश जारी कर दिए हैं. इससे पहले भी सरकार ने एक बार गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ाई थी. बता दें कि इस बीच मध्य प्रदेश का मौसम तेजी से बदला है, कई जिलों में बारिश की वजह से गेहूं की खरीदी भी प्रभावित हुई थी. इसलिए भी किसानों ने राहत की सांस ली है.
दरअसल, सरकार ने भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग में गेहूं खरीदी की अंतिम तारीख 7 मई और ग्वालियर- चंबल, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के लिए खरीदी की अंतिम तारीख 15 मई तय की थी, लेकिन बाद में सरकार ने गेहूं खरीदी की तारीख 20 मई तक बढ़ा दी थी, जिसे अब 31 मई कर दिया है.
बंपर गेहूं खरीदी का लक्ष्य
बता दें कि हर साल की तरह इस साल भी मध्य प्रदेश में गेहूं की बंपर खरीदी हुई है. ऐसे में हर साल की तरह इस साल भी सरकार ने गेहूं खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया है. मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने लोकसभा चुनाव के बीच साल 2024-25 के लिए गेहूं खरीदी का लक्ष्य 24 हजार करोड़ रुपए रखा है. जहां अब तक प्रदेश में 21 लाख 66 हजार टन गेहूं खरीदी गई है जो और भी बढ़ने की संभावना है. अब तक सरकार किसानों के लिए 2 लाख 63 हजार किसानों को 3355 करोड़ रुपयों का भुगतान भी कर चुकी है, ऐसे में जैसे-जैसे गेहूं खरीदी होती जाएगी वैसे-वैसे भुगतान की राशि भी बढ़ती जाएगी.
सरकार ने इस साल गेहूं खरीदी का रेट 2275 रुपए तय किया है, जिसमें 150 रुपए के बोनस भी शामिल है, ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को गेहूं की खरीद पर बोनस देने की वजह से 3850 करोड़ रुपए का वित्तीय भार भी सरकार पर आ रहा है.