Shankar Mahto: कौन हैं शंकर महतो? जिनकी कांग्रेस में एंट्री से बदल सकते हैं बहोरीबंद विधानसभा के समीकरण
Shankar Mahato: ओबीसी नेता शंकर महतो आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. आइए आपको बताते हैं कि उनके कांग्रेस में आने से यहां के समीकरण कैसे बदल सकते हैं?
Shankar Mahto Has Joined Congress: 2023 के मध्य प्रदेश (MP News) विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh assembly elections) से पहले आज कटनी जिले में भाजपा को दो बड़े झटके लगे हैं. कटनी जिले के दो प्रमुख नेता, पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह और ओबीसी नेता शंकर महतो कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इस कदम से कांग्रेस की शक्ति बढ़ी है. पीसीसी प्रमुख कमल नाथ, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने नए सदस्यों का स्वागत किया है. बता दें कि बहोरीबंद विधानसभा के कद्दावर और पिछड़ा वर्ग के नेता शंकर महतो के कांग्रेस में आने से यहां के समीकरण बदल सकते हैं.
शंकर महतो ने इसलिए छोड़ी पार्टी
बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले पिछड़ा वर्ग के नेता शंकर महतो ने कहा कि मैंने भी आज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है. कांग्रेस की कार्यप्रणाली के साथ कंधा से कंधा मिला कर चलेंगे. प्रदेश की जनता व्यथित है, मैं बीजेपी के कई पदों पर रहा. आज किसान लुट रहा है,हमारे अधिकारों को छीना जा रहा है. पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म किया गया , कमलनाथ ने 27% आरक्षण दिया था.
कौन हैं शंकर महतो?
शंकर महतो लोधी समुदाय से आते हैं, जो ओबीसी वर्ग की एक प्रमुख जाति है. बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में लोधी समुदाय का खासा प्रभाव है. साथ ही शंकर महतो का केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से गहरा नाता रहा है. महतो बहोरीबंद जनपद पंचायत के अध्यक्ष और बीजेपी में मंडल अध्यक्ष और जिला उपाध्यक्ष जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं.
2018 में कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में अहम भूमिका निभाई थी
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सौरभ सिंह की हार हुई थी और भाजपा की इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले शंकर महतो बहोरीबंद विधानसभा के मंझे हुए नेता माने जाते हैं. निर्वाचन क्षेत्र में उनके प्रभाव और ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल होने का उनका निर्णय भाजपा के लिए चुनौतियां पैदा कर सकता है.