Why does Indian Railways Runs Fast in Night: आम जनता के सफर को आसान बनाने वाली रेलवे देश की लाइफ लाइन है. इससे देश के करोड़ों लोग रोजाना सफर करते हैं. देशभर में ऐसी कई ट्रेनें है जो समान रूप से तेज गति से चलती है. इनमें  मेल, वंदे भारत एक्सप्रेस, दूरंतो और शताब्दी ट्रेन आदि शामिल है. इन सभी ट्रेनों की स्पीड दिन में अलग और रात में अलग होती है. ऐसा क्यों होता है कि एक ही ट्रेन दिन में धीमी गति से चल रही है और रात में तेज गति से चल रही है. ऐसा सवाल अक्सर यात्रियों के मन में उठता है कि दिन और रात में ट्रेन की स्पीड में अंतर क्यों होता है. इसके पीछे कोई तकनीकी कारण भी नहीं छुपा है क्योंकि एक ही इंजन दिन में भी चलता है और रात को भी.


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यात्रियों की संख्या अधिक
रेलगाड़ी में सफर कर रहे लोगों की संख्या रात की अपेक्षा दिन में अधिक होती है. जिससे दिन में ट्रेन की स्पीड आमतौर पर कम देखी जाती है और पैसेंजर ट्रेन में तो दिन में ही सबसे ज्यादा यात्री होते हैं. आमतौर पर ज्यादातर लोग दिन में यात्रा करना पसंद करते हैं जिससे ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है. 


दूर से सिग्नल दिखना
रात में रेलगाड़ी चलाने से लोकोपायलट को यह फायदा होता है कि उसे बहुत दूर से ही सिग्नल दिख जाते हैं जिससे ट्रेन की स्पीड को बैलेंस बनाए रखते हैं और ट्रेन की स्पीड कम नहीं करनी पड़ती है. इसलिए  ट्रेन रात में तेज गति से चलती है. 


ट्रैक का खाली होना
रेलगाड़ी का रात में तेज गति से चलने का कारण है कि रात को ट्रेक खाली रहते है. इस समय इंसानों और पशुओं की आवाजाही कम रहती है तथा इस समय पटरियों की मरम्मत का काम भी नहीं चल रहा होता है. जिससे ट्रेन की गति मैंटेन रहती है और लोकोपायलट पूरी स्पीड से गाड़ी को दोड़ाता है.