Narmada Story: मध्य प्रदेश की जीवनधारा मानी जाने वाली नर्मदा नदी, जिसे लोग मां नर्मदा नाम पूजते हैं. वह भारत की दूसरी ऐसी नदी है जो उलटी दिशा में बहती है. नर्मदा के अलावा ताप्ती या तापी नदी है ऐसी है जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है. हम जिस नदी की बात कर रहे हैं, वह नर्मदा नदी है. नर्मदा भारत के दो बड़े राज्यों गुजरात और मध्य प्रदेश की मुख्य नदी है. 


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नर्मदा की विपरीत धारा इसे अन्य नदियों के मुकाबले मुकाबले अलग बनाती हैं. एक ओर जहां देश की ज्यादातर नदियां पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं और  बंगाल की खाड़ी में गिरती है, वहीं नर्मदा विपरीत दिशा में बहते हुए पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में जा कर गिरती है. 


क्या है धार्मिक मान्यता?
नर्मदा नदी के बारे में एक धार्मिक मान्यता प्रचलित है. ये कहानियां नर्मदा के किनारे बसे शहरों में सामान्यत: सुनने को मिल जाती हैं. नर्मदा की विपरीत धारा के पीछे एक पौराणिक कहानी है कि मां नर्मदा विवाह सोनभद्र से तय हुआ था, लेकिन नर्मदा की सहेली जोहिला के कारण दोनों का विवाह नहीं हो सका. दोनों के बीच दूरियां आ गईं. इससे क्रोधित हो कर नर्मदा ने आजीवन कुंवारी रहने का फैसला किया. इसकी बाद मां नर्मदा ने उलटी दिशा में बहने का फैसला किया. 


क्या है वैज्ञानिक वजह?
नर्मदा नदी पर रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट इसकी वजह अलग ही बताते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि विपरीत दिशा में बहने की वजह इसकी भौगोलिक स्थिति है. गुजरात और एमपी की प्रमुख नदी का उलटी धारा का कारण रिफ्ट वैली है. रिफ्ट वैली का अर्थ होता है कि नदी का बहाव जिस दिशा में होता है, उसका ढलान उसके विपरीत दिशा में हो. यही वजह है कि मां नर्मदा का फ्लो पूर्व से पश्चिम की ओर है. नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक की मैखल पर्वत श्रृंखला से निकलती है. 1,312 किमी की यात्रा के बाद यह अरब सागर में जाकर मिल जाती है.