अचानक MP क्यों आ रहे अमित शाह? आदिवासी डैमेज कंट्रोल या बदलेंगे प्रदेश अध्यक्ष? जानें गृहमंत्री के दौरे के मायने
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का अचानक कल भोपाल दौरा तय हुआ है. गृह मंत्री कल बीजेपी प्रदेश कार्यालय में बैठक में शामिल होंगे. ये बैठक 2023 चुनाव को लेकर बुलाई गई है. बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमित शाह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
Madhya Pradesh Politics: 10 जुलाई 2023 दोपहर करीब 3 बजे खबर आती है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 11 जुलाई को मध्य प्रदेश आ रहे हैं. गृहमंत्री ने राजधानी भोपाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में एक अहम बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई है, लेकिन गृहमंत्री का अचानक तय हुआ यह दौरा इतना औपचारिक नहीं लग रहा है. इसकी कई वजह हैं.
अमित शाह के इस दौरे ने प्रदेश के सियासी गलियारों में कई चर्चाओं को हवा दे दी है, क्योंकि 11 जुलाई से मध्य प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि वह आदिवासी मुद्दे पर भाजपा को घेरेगी. दूसरा भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है और तीसरा चुनाव को लेकर नई रणनीति बन सकती है. बहरहाल चर्चाएं कई हैं, लेकिन यहां 4 ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनकी वजह से अमित शाह अचानक मध्य प्रदेश का दौरा करना पड़ रहा है...
1. आदिवासी मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल
सीधी पेशाब कांड के बाद शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर से भी आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. सीधी पेशाब कांड तो पूरे देश में चर्चित हो गया. कांग्रेस चुनाव से पहले बीजेपी को घेरने का कोई मुद्दा नहीं छोड़ना चाहती. प्रदेश में 22% आदिवासी वोटर्स हैं, जिनकी सरकार बनाने और गिराने में अहम भूमिका है. 2018 चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर करने में आदिवासी वर्ग अहम रोल था. 47 विधानसभा सीट अजा वर्ग के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में अगर भाजपा ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आगामी चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. अमित शाह आदिवासी मुद्दे से उभरने लिए शिवराज सरकार को कोई मंत्र दे सकते हैं.
2. विधानसभा में बचाव का मंत्र
विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने शिवराज सरकार को आदिवासी मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है. 11 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी आदिवासी मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है. सत्र से ठीक एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की है. साफ है कि कांग्रेस विधानसभा में मुखर होकर आदिवासी मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेरेगी. ऐसे में सत्र से ठीक पहले होने वाली बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री बचने की नई योजना बना सकते हैं.
3. बदल सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा में चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष बदलने का ट्रेंड बन गया है. बीजेपी ने पिछले कुछ सालों में जिस तरह चुनावी राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदले हैं, उससे साफ है कि मध्य प्रदेश भाजपा को भी नया अध्यक्ष मिल सकता है. वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को यह जिम्मेदारी 2020 में दी गई थी. अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा एक बार फिर से नरेंद्र सिंह तोमर पर दांव लगा सकती है. तोमर इस जिम्मेदारी को पहले भी निभा चुके हैं. 2008 और 2013 विधानसभा चुनाव में तोमर ही प्रदेश अध्यक्ष थे, दोनों बार पार्टी को जीत हासिल हुई थी.
4. चुनाव को लेकर चर्चा
पहले 22 जून को गृहमंत्री अमित शाह का बालाघाट दौरा पर आने वाले थे. लेकिन बारिश की वजह से उनका प्लेन लैंड नहीं कर सका था. बालाघाट में अमित शाह गौरव यात्रा का शुभारंभ करने वाले थे. इसके अलावा बीजेपी ने चार राज्यों के लिए प्रमुख नेताओं को चुनाव प्रभारी नियुक्त कर अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी है. मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को प्रभारी बनाया है और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव उनका सहयोग करेंगे. कयास लगाए जा रहा हैं कि गृहमंत्री की बैठक में दोनों प्रभारी भी शामिल हो सकते हैं. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमित शाह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है.