PM नरेंद्र मोदी ने क्यों की सुप्रीम कोर्ट की तारीफ? फिर CJI ने कैसा दिया रिएक्शन, जानिए
Independence Day 2023: आज देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर लगातार 10वीं बार तिरंगा फहराया.
Independence Day 2023: आज देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर लगातार 10वीं बार तिरंगा फहराया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सुप्रीम कोर्ट की भी तारीफ की. दरअसल पीएम मोदी ने क्षेत्रीया भाषाओं में अदालती फैसलों को उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया तो वहां मौजूद सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने इस तारीफ पर हाथ जोड़कर सबका अभिवादन किया.
बता दें कि संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि बच्चे मातृभाषा में पढ़ सकें, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का भी धन्यवाद करते हैं.
अमित शाह से मिले CJI
मोदी ने की सुप्रीम कोर्ट की तारीफ
संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब जो फैसला देंगे, उसका जो ऑपरेटिव पार्ट उसी भाषा मं होगा, जिसमें वो आया है. बता दें कि लाल किले की प्राचीर से सुप्रीम कोर्ट की तारीफ करना बड़ी और अनूठी बात है.
सुप्रीम कोर्ट में खत्म हो रही भाषा की दिक्कत
गौरतलब है कि इस साल गणतंत्र दिवस और अपनी स्थापना दिवस को यादगार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को 1 हजार से ज्यादा फैसलों को 10 भाषाओं में अनुवाद जारी किया था. जिसमें हिंदी के अलावा ओड़िया, गुजराती, तमिल, असमी, पंजाबी, खासी, गारो, नेपाली औप बांग्ला थी. समय के साथ भाषाओं का दायरा बढ़ता जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट लॉन में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट लॉन में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि 77 साल बाद हमारा तिंरगा स्वतंत्रता और समानता की हवा में लहरा रहा है.
इस दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 77 साल बाद हमारा तिरंगा स्वतंत्रता और समानता की हवा में लहरा रहा है. कई बार हवा रुक जाती है या क्षितिज पर तूफान आ जाता है, लेकिन झंडा हमें अतीत के सामूहिक गौरव की ओर ले जाता है और हमें वर्तमान में बने रहने की इच्छाशक्ति देता है. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जैसा मैं भविष्य की ओर देखता हूं, मेरा मानना है कि सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंच में बाधा को खत्म करना है.