Satna News: सतना। सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं के  विस्तार और आम लोगों की सहूलियत के लए कितने ही पैसे खर्च लें. लेकिन, अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण सारा पैसा पनी में बह जाता है. प्राइमरी जांच से लेकर डिलीवरी तक में घोर लापरवाही सामने आती रहती हैं. कई मामलों में तो मौत तक हो जाती है. कुछ ऐसा ही ममला सामने आया है मध्य प्रदेश के सतना से. यहां एख महिला को कचरे के ढ़ेर में बच्चे को जन्म देना पड़ा.


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बताया जा रहा है महिला पर अस्पताल स्टाफ ध्यान नहीं दे रहा था. उसे व्हील चेयर आदि नहीं दी गई. उसे छोटी-छोटी जांच के लिए पैदल चलाया गया. इसी बीच यूरिन सैंपल देते समय उसने बच्चे को जन्म दे दिया. मामला CMHO के पास पहुंचा तो उन्होंने भी इसे घोर लापरवाही माना है और जांच के आदेश दिए हैं. गनीमत रही की मासून को कुछ नहीं हुआ.


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सतना जिला अस्पताल का मामला
मामला सतना जिला अस्पताल में उस वक्त का है जब रोशनी कुशवाहा नामक प्रसूता जिला अस्पताल पहुंची. रोशनी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. उसे एडमिट कराया गया. लेकिन, ड्यूटी पर तैनात डाक्टर और नर्सों ने उसे इधर से उधर भटकाना शुरू किया. प्रसव पीड़ा के दौरान ही उसे नैदानिक केंद्र से जांच कराने को भेजा गया.


यूरिन सैंपल देते समय डिलीवरी
महिला नैदानिक केंद्र पैदल जाने में असमर्थ थी. लेकिन, उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया. महिला जब नैदानी केंद्र अपने यूरिन का सैंपल देने के लिए गई तभी उसकी डिलीवरी हो गई. गनीमत रही की लोगों ने देख लिया और मां-बच्चे को तत्काल वार्ड में एडमिट कराया गया. ऐसी स्थिति में इंफेक्शन फैलने वा अन्य जोखिम होता है. इस कारण नवजात शिशु की जान तक जा सकती थी.


अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
मामले पर जिला अस्पताल के अधिकारी का रिएक्शन आया है. वो भी इसे बड़ी लापरवाही मान रहे हैं. सतना CMHO डॉक्टर एलके तिवारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. ड्यूटी पर तैनात स्टाफ और डॉक्टर की लापरवाही पाई जाने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है.


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