संदीप भम्मरकर/नई दिल्ली: मध्‍य प्रदेश में मुख्‍यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस बात की सुगबुगाहट बहुत दिनों से है. हाल ही में ​ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदर्शनरत अतिथि विद्वानों से मिले थे और बयान दिया था कि अगर कमलनाथ सरकार 'वचन पत्र' में किए गए वादों को पूरा नहीं करती है तो वह सड़क पर उतरेंगे. 


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जब पत्रकारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया तो उन्होंने जवाब में कहा, तो उतर जाएं.  माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस रवैये से मुख्यमंत्री कमलनाथ नाराज हैं और इसी सिलसिले में उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस की अं​तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. 



इससे पहले शनिवार को प्रदेश कांग्रेस समन्‍वय समिति की बैठक दिल्‍ली में मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के आवास पर रखी गई. इस बैठक में मुख्‍यमंत्री कमलनाथ, पार्टी नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, दिग्‍विजय सिंह, दीपक बावरिया, मीनाक्षी नटराजन, और जीतू पटवारी ने शिरकत की. बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बैठक के बीच से उठकर चले गए.


मैं अध्यक्ष हूं तो समन्वय किससे बनाना है?
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र पूरे पांच साल के लिए है. सारे वादे एक ही बार में पूरे नहीं किए जा सकते हैं. पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री कमलनाथ से पूछा कि सरकार और संगठन में समन्वय नहीं हो पा रहा है? तो उन्होंने कहा, ''मैं अध्यक्ष हूं तो समन्वय किससे बनाना है?''