मनीष पुरोहित/मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर में सर्दी के सितम का असर फसलों पर पड़ने लगा है. जिले के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह सर्द मौसम के चलते खेतों में फसलों पर ओस की बूंदे जम गईं. जिसकी वजह से बर्फ की पतली चादर खेतों में बिछी दिखाई दी. इस पाले का असर सबसे ज्यादा मटर की फसल पर हुआ है. बाकी फसलों पर भी आंशिक नुकसान दिखाई दे रहा है. तापमान में गिरावट जारी रही तो, आने वाले दिनों में फसलों को भारी नुकसान की आशंका है. बाढ़ की वजह से फसलों की बर्बादी झेल चुके किसान अपनी दूसरी फसल को बर्बाद होता देखकर हताश है.
 
धमनार के किसान बद्री लाल धाकड़ ने बताया कि आज सुबह जब खेतों में गए तो बर्फ की चादर सी बिछी दिखाई दी. ठंड के चलते ओस की बूंदें फसलों के पत्ते पर जम गईं, जिसकी वजह से फसलों को नुकसान हुआ. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान मटर की फसल को हुआ है, जिसका फल अब पौधों पर आने लगा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मौसम और सर्द होने की आशंका है. हमें डर लग रहा है कि यदि मौसम और सर्द हुआ तो फसलों को भारी क्षति होगी.


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स्थानीय बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि कृषि विभाग द्वारा समय रहते किसानों को एडवाइजरी जारी नहीं की गई. जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया, जिसके चलते पाले का बर्फबारी का नुकसान किसानों को उठाना पड़ा. मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के धमनार, नगरी सेमलिया हीरा, निंबोद समेत कई गांव में फसलों को काफी नुकसान हुआ है. 


इस मामले में हमने जिला कृषि अधिकारी अजीत सिंह राठौर से बात करने का प्रयास किया लेकिन, वे बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हुए. गौरतलब है कि यूरिया की खपत के आंकलन में भी कृषि विभाग द्वारा की गई लापरवाही के चलते गलत आंकलन हुआ और इसी वजह से किसान जिले में यूरिया की कमी से भी जूझ रहे हैं. बता दें कि पाले के प्रकोप से बचने के लिए खेतों में फसलों कि हल्की सिंचाई की जा सकती है. और खेत की मेड पर धूआ करें ताकि फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.