इस खूबसूरत छत्री में होगी माधवी राजे की अंत्येष्ठि, जानें सिंधिया परिवार में कैसे दी जाती है अंतिम विदाई?
Madhavi Raje Scindia: केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर राज परिवार की मुखिया माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया. उनकी पार्थिव देह को सिंधिया के आवास सफदरजंग मार्ग पर ले जाया गया. यहां 3 बजे से 7 बजे तक लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए. कल दोपहर ग्वालियर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
ग्वालियर में जिस जगह माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार किया जाएगा, वह कोई आम श्मशान नहीं है. सिंधिया परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार अम्मा महाराज की छतरी में किया जाता है. यह ग्वालियर में जय विलास के नजदीक स्थित बेहद खूबसूरत जगह है.
अम्मा महाराज की छत्री में जिस जगह माधवी राजे का अंतिम संस्कार किया जाएगा, उसके नजदीक करीब 23 साल पहले पति माधवराव सिंधिया का भी अंतिम संस्कार किया गया था. उसके कुछ ही महीनों पहले छत्री में ही राजमाता विजयाराजे सिंधिया का भी अंतिम संस्कार किया गया था.
अम्मा महाराज की छत्री बहुत बड़े झेत्र में फैली हुई है. यहां एक खूबसूरत बगीचा और मंदिर भी है. सिंधिया परिवार की परंपरा के मुताबिक, उनके परिजनों का अंतिम संस्कार इसी जगह होता है. इसके बाद छत्री बनाई जाती है. यहां हर साल पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए भजन कीर्तन किए जाते हैं.
सिंधिया परिवार की सबसे पुराना छत्री परिसर लश्कर इलाके में है. उस समय सिंधिया परिवार महाराज बाड़ा स्थित गोरखी महल में निवास करता था, लेकिन बाद में इस स्थल के आसपास घनी आबादी हो गई और सिंधिया परिवार गोरखी महल छोड़कर जय विलास पैलेस में रहने आ गया.
बाद में जय विलास पैलेस के नजदीक नया छत्री परिसर स्थापित हुआ. महाराज जीवाजी राव सिंधिया की अंत्येष्टि भी यहीं हुई थी. एक अन्य छत्री परिसर शिवपुरी में भी है. वहां माधव महाराज (माधव राव प्रथम ) और उनकी मां महारानी सख्या राजे का अंतिम संस्कार हुआ था.
गुरुवार को जयविलास पैलेस की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, माधवी राजे की पार्थिव देह को लेकर उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य परिजन सुबह दस बजे विशेष विमान द्वारा नई दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होंगे और पौने दस बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे.
करीब 11 बजे के आस पास सड़क मार्ग से देह को जयविलास पैलेस स्थित रानी महल में लाया जाएगा. पहुंचेगी. दोपहर ढाई बजे तक उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
दोपहर करीब 3 बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी जो आधे घंटे में सिंधिया परिवार के छत्री परिसर पहुंचेगी, यहां उनका हिन्दू रीति रिवाज और मराठा पद्धति से अंतिम संस्कार किया जाएगा.
माधवी राजे के पति माधवराव सिंधिया की समाधि के पास ही उनका एक विशाल चबूतरे पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस दौरान गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कई वीआईपी लोगों के पहुंचने की संभावना है.
इसके चलते थीम रोड को अभी से विशेष निगरानी में लिया गया है. स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की समाधि के सटे मैदान को साफ कर वहां चबूतरे का निर्माण भी कर लिया गया है. इसी चबूतरे पर सिंधिया राजवंश की परंपरा के मुताबिक राजमाता माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार किया जाएगा.