नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के इंदौर में भाजपा विधायक और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय के नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई करने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई है. संसद के मौजूदा सत्र के दौरान संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने इंदौर मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 'ऐसे लोगों को बर्खास्त कर देना चाहिए. मैं इसलिए खून-पसीना नहीं बहा रहा कि किसी का बेटा होने पर कोई मनमानी करे. मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता. बेटा चाहे किसी का भी हो, उसे कुछ भी मनमानी करने की छूट नहीं है.'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें मध्य प्रदेश के इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने जर्जर मकानों को तोड़ने आए नगर निगम के अमले की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी थी, जिसके बाद इस मामले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. वहीं वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था और भाजपा विधायक को जेल जाना पड़ा था. इस मामले में आकाश विजयवर्गीय को चार दिन तक जेल में रहना पड़ा था, जिसके बाद भोपाल की विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी. विजयवर्गीय के रिहा होने पर मामला और भी बढ़ गया और जगह-जगह नगर निगम के कर्मारियों ने विजयवर्गीय के रिहा होने पर विरोध व्यक्त किया.



आकाश विजयवर्गीय मामले पर बेहद नाराज PM मोदी, कहा- 'ऐसे लोगों को बर्खास्त कर देना चाहिए'


वहीं विजयवर्गीय के जेल से छूटने पर उनके समर्थकों द्वारा हर्ष फायरिंग भी की गई. जिसके बाद मामला और भी बढ़ गया. हालांकि खुद आकाश विजयवर्गीय और कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया और हर्ष फायरिंग करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की बात कही. बता दें इंदौर पुलिस ने बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. आकाश विजयवर्गीय के साथ ही 10 अन्य लोगों पर भी इन्हीं धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है.