प्रमोद शर्मा/इंदौर: शायर राहत इंदौरी छोटी खजरानी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक हो गए. कोरोना की वजह से प्रशासन ने उन्हें दफनाया. उनके बड़े बेटे फैसल राहत ने उनके चाहने वालों से अंतिम यात्रा में शामिल न होने की अपील की थी. 


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आपको बता दें कि मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. मंगलवार सुबह उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से शहर के अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था. इस दौरान उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी और जल्द ठीक होने की बात कही थी, लेकिन शाम होते-होते उनके इंतकाल की खबर ने उनके चाहने वालों को ग़मज़दा कर दिया. 


इंदौर के राहतउल्ला कुरैशी जिन्होंने राहत इंदौरी बन शायरी की दुनिया में किया राज


राहत इंदौरी की मौत की खबर देश दुनिया के तमाम फनकारों ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजली दी. मशहूर कवि कुमार विश्वास ने उनके लिए लिखा कि राहत भाई आप तो कहते थे कि....
“वबा फैली हुई है हर तरफ़,
अभी माहौल मर जाने का नई..!”
तो फिर इतनी जल्दी ? ऐसे ? हे ईश्वर ! बेहद दुखद ! इतनी बेबाक़ ज़िंदगी और ऐसा तरंगित शब्द-सागर इतनी ख़ामोशी से विदा होगा, कभी नहीं सोचा था! शायरी के मेरे सफ़र और काव्य-जीवन के ठहाकेदार क़िस्सों का एक बेहद ज़िंदादिल हमसफ़र हाथ छुड़ा कर चला गया.
“मैं मर जाऊँ तो मेरी इक अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना...!”
#RahatIndori 
“जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो,
मोहब्बत करने वाला जा रहा है...!”


जबकि सीएम शिवराज ने राहत इंदौरी की याद में उनका एक शेर लिखकर श्रद्धांजलि दी. शिवराज ने लिखा कि...राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें 
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो 
एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
राहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था। आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज़ रहें, सफर जारी रहे.


वहीं राहुल गांधी ने भी राहत साहब को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ''अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे...'' अलविदा, राहत इंदौरी साहब.