छत्तीसगढ़ में कही धरना, कही प्रदर्शन, कही हड़ताल का दौर चल रहा है. कोई अपनी मांगों को लेकर नाराजगी जता रहा है तो कोई सैलरी न मिलने से परेशान है. कुल जमा यह है कि छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की परेशानियां बढ़ी तो उन्होंने सरकार का दरवाजा खटखटाया. लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया. ऐसे में मांगे पूरी न होने से उठी नाराजगी से राज्य के सरकारी कामकाज में अव्यवस्थाओं का अंबार नजर आ रहा है. कर्मचारियों ने सूबे के मुखिया विष्णुदेव साय से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है. उनका कहना है कि साय सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करें. ऐसे में अगर छत्तीसगढ़ में चल रही हड़तालों का जल्द समाधान नहीं खोजा गया तो यह अव्यवस्थाएं बढ़ सकती हैं. 


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छत्तीसगढ़ में कई जगह हड़ताल 


कर्मचारी की हड़ताल की वजह से लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रायपुर में छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्रों के सैकड़ों कंप्यूटर ऑपरेटर प्रदर्शन कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें सात महीने से वेतन ही हीं मिला है. इसी तरह कवर्धा तहसील के सभी पटवारी अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, कवर्धा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा का गृह जिला है. जबकि छत्तीसगढ़ में शासकीय राशन दुकानों में काम करने वाले सेल्समैन भी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए हैं. धान खरीदी केंद्रों के कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी और सेल्समैन यह सभी आम लोगों से जुड़े हैं. ऐसे में इनके हड़ताल पर जाने से सबसे ज्यादा परेशानियां आम आदमियों को हो रही है. लेकिन साय सरकार के पास फिलहाल इनकी समस्याओं को कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है. 


छत्तीसगढ़ में आज से नहीं मिलेगा राशन


छत्तीसगढ़ में मंगलवार से राशन की किल्लत भी शुरू हो गई है. क्योंकि शासकीय राशन दुकानों में काम करने वाले सेल्समैन अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए हैं. राशन दुकानदार और विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले राजधानी रायपुर में प्रदेश व्यापी हड़ताल शुरू कर दी है, जबकि 2 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ के सभी सेल्समैन ब्लॉक जिला और तहसील स्तर पर भी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे. आलम यह है कि साय सरकार के खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल से भी मुलाकात के बाद भी सेल्समैनों की बात नहीं बनी और उनकी हड़ताल शुरू हो गई है. 


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सीएम साय से मांगों को पूरी करने की मांग 


शासकीय राशन दुकानों में काम करने वाले सेल्समैनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की डिमांड की है. लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है. उनका कहना है कि वह पांच अक्टूबर को राशन से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक मशीन ई पाश मशीन भी राशन दुकानों के सेल्समैन एसडीएम ऑफिस में जमा करा देंगे. ऐसे में अगर ऐसा होता है तो फिर परेशानियां शुरू होनी तय हैं. 


कंप्यूटर ऑपरेटरों को नहीं मिल रहा वेतन 


एक तरफ साय सरकार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की तैयारियों में जुटी है. लेकिन दूसरी तरफ अब तक कंप्यूटर ऑपरेटरों के वेतन का मामला नहीं सुलझा पाई है. आलम यह है कि 7 माह का वेतन नहीं मिलने से धान खरीदी केंद्रों के सैकड़ों कंप्यूटर ऑपरेटरों ने राजधानी रायपुर में मोर्चा जमा लिया है. कंप्यूटर ऑपरेटरों की मांग है कि उनका संविलियन कर नियमित कर उन्हें नियमित किया जाए. कंप्यूटर ऑपरेटर राजधानी रायपुर में लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ धान खरीदी के लिए लगातार सरकार की तरफ से बड़े दावे किए जा रहे हैं. लेकिन अगर साय सरकार ने जल्द ही इनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 


कवर्धा में पटवारियों ने खोला मोर्चा 


गृहमंत्री विजय शर्मा के गृह जिले कवर्धा में तो पटवारियों ने मोर्चा खोल दिया है. कवर्धा तहसील के सभी पटवारी अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, पटवारियों की मुख्य शिकायत यह है कि उनकी मांगे लंबे समय से पूरी नहीं की जा रही हैं, जिसके चलते वह हड़ताल करने के लिए मजबूर हुए हैं. पटवारियों ने बताया कि उन्होंने 10 दिन पूर्व ही अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. हड़ताल में शामिल पटवारियों की आठ प्रमुख मांगे हैं, जिनमें मुख्य रूप से पिछली दो सालों का सीआर (गोपनीय प्रतिवेदन) की कॉपी न मिलने की समस्या, 10 साल से अधिक सेवा कर चुके पटवारियों का समयमान वेतनमान निर्धारण न होने की शिकायत और सातवें वेतनमान के लंबित एरियर्स की राशि न मिलने की परेशानी शामिल है. 


हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे पटवारी 


पटवारियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगे पूरी नहीं होंगी, वह हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे. वे तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं. इस हड़ताल के कारण तहसील में कार्य प्रभावित हो रहा है, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. पटवारियों ने यह भी कहा कि अब की बार वह किसी भी तरह का आश्वासन स्वीकार नहीं करेंगे, बल्कि ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं. प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 


कानून व्यवस्था पर कांग्रेस सख्त 


एक तरह छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने राज्य की कानून व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है. कांग्रेस की न्याय यात्रा 2 अक्टूबर को खत्म होगी. ऐसे में प्रदेश भर में साय सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है. कांग्रेस 2 अक्टूबर को भी राज्य में प्रदर्शन करेगी. क्योंकि कांग्रेस की न्याय यात्रा का समापन 2 अक्टूबर को गिरदोरी में होगा. 


ऐसे में राज्य में बनती इन स्थितियों पर सबसे ज्यादा असर आम आदमियों को हो रहा है. क्योंकि कर्मचारियों की हड़ताल और राशन दुकानों की वजह से आम आदमी ही सबसे ज्यादा परेशान होगा.


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