भोपाल: एग्जिट पोल के बाद कई राज्यों में हलचल मच गई है. मध्य प्रदेश में सोमवार की सुबह से राजनीतिक सर्गमियां तेज हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का एक पत्र लिखा है. भार्गव ने कहा कि एग्जिट पोल आए हैं, दो-तीन दिन में वास्तविक परिणाम भी आ जाएंगे और इन्हें सिद्ध करना चाहिए कि जनमत इनके साथ है अथवा नहीं.


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अब मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह का बयान भी सामने आ गया है. उन्होंने कहा, "कमलनाथ सरकार ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी. सरकार बैसाखियों के सहारे चल रही है. आंतरिक कलह की वजह से अपने आप गिर जाएगी. लेकिन अभी हमारा ध्यान चुनाव परिणामों और केंद्र में सरकार बनाने पर है. अभी हम इस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश में किसकी सरकार आएगी या किसकी सरकार जाएगी." 
 
कांग्रेस ने सरकार अस्थिर करने का आरोप लगाया
उधर, कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि बीजेपी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. पार्टी महासचिव और राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, "बीजेपी मध्य प्रदेश में भ्रष्ट तरीके अपनाकर कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। वे जनादेश को खारिज करने की कोशिश कर रहे हैं और राज्य की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी."  


 



उन्होंने दावा किया कि ‘कुशासन’ के कारण मध्य प्रदेश की जनता ने भाजपा को अस्वीकार करते हुए उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था. गौरतलब है कि पिछले साल हुए चुनाव में राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं. कमलनाथ सरकार को बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन हासिल है.