उज्‍जैन : मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व की एक तरह से शुरुआत हो गई है। इस पर्व के नौ दिन पहले से शिव नवरात्रि या महाकाल नवरात्रि के उत्सव का शुभारंभ हो गया है। यहां विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल नौ दिन तक दूल्हे के रूप में दर्शनार्थियों को दर्शन देते हैं। कहा जाता है कि ऐसी परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।


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महाशिवरात्रि के पूर्व भगवान का विभिन्‍न रूप में श्रृंगार कर दूल्हे के रुप में सजाया जाता है। पूरे मंदिर परिसर को सुसज्जित किया जाता है। महाकाल मंदिर की आकर्षक साज सज्जा की गई है और नौ दिन तक विशेष श्रृंगार का प्रबंध है। मंदिर में भगवान का श्रृंगार कर उनको कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि से श्रृंगारित किया जाता है।


अलग-अलग नौ दिन भगवान महाकाल को श्रृंगारित कर वस्त्र एवं आभूषण के साथ पूजन-अर्चन किया जाता है। नौवें दिन शिवरात्रि की महापूजा होती है। अगले दिन भगवान महाकाल का विपुल फूलों से श्रृंगार किया जाता है, जिसे श्रद्धालु भगवान के सेहरे के दर्शन करते हैं।


कहा जाता है कि शिवरात्रि में प्रतिदिन शाम को भगवान महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कराए जाते हैं तथा नौ दिन तक बाबा महाकाल विभिन्न स्वरूपों में दर्शन देते हैं। शेषनाग, घटाटोप, छबीना, मनमहेश आदि स्वरूपों में बाबा महाकाल नौ दिन भक्तों को दर्शन देते हैं।


उज्जैन में शिवरात्रि उत्सव शुरू हो चुका है। मंदिर में नौ दिनों तक भगवान महाकाल का अलग-अलग श्रृंगार किया जाएगा। 24 फरवरी को महाशिवरात्रि श्रृंगार और 25 फरवरी को सप्तधान श्रृंगार किया जाएगा। इसके साथ, प्रतिदिन कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि वस्त्र एवं आभूषण पहनाए जाएंगे।


यह देश का एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जहां नौ दिनों तक शिवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव जी हर पूजा को सहर्ष ग्रहण करते हैं।