उपचुनाव में 3 मंत्री हारे, अब शिवराज कैबिनेट में 6 मंत्री पद खाली, जाने कौन होंगे नए चेहरे
उपचुनाव के नतीजों में शिवराज सरकार के तीन मंत्री चुनाव हार गए. जिससे एक बार फिर मध्य प्रदेश में आने वाले वक्त में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. ऐसे में अब कौन मंत्री बनेगा और कौन विधानसभा अध्यक्ष ये सवाल भी लोगों के दिमाग में चल रहे हैं.
अर्पित पांडेय/भोपालः 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 14 मंत्री भी मैदान में थे. जिनमें से तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. लिहाजा इन मंत्रियों को अब मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा. जिससे एक बार फिर शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. मौजूदा वक्त में पहले से एक मंत्री पद खाली था. जबकि दो मंत्रियों को 6 महीने का समय पूरा होने के चलते इस्तीफा देना पड़ा था. जबकि चुनाव हारने के बाद तीन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ेगा. ऐसे में शिवराज सरकार में 6 मंत्री पद खाली हो जाएगे. जिससे पहले मंत्री बनने से चूक गए बीजेपी विधायकों को एक बार फिर मंत्री बनने की उम्मीद जगी है.
सिलावट और राजपूत फिर बन सकते हैं मंत्री
तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को 6 महीनें का समय पूरा होने के चलते मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. लेकिन उपचुनाव जीतने के बाद अब इन दोनों विधायकों को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. फिर भी चार विधायक और मंत्री बनाए जा सकते हैं. इन पदों के लिए कई विधायक दावेदार हैं.
शिवराज के सामने मंत्रिमंडल विस्तार की चुनौती
उपचुनाव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मंत्रिमंडल का विस्तार करना एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है. क्योंकि पिछली बार मंत्रिमंडल विस्तार में सीएम शिवराज के करीबी कई विधायक मंत्री नहीं बन पाए थे. जो अब फिर से मंत्री पद की उम्मीद में हैं.
ये विधायक कर सकते हैं दावेदारी
राजेंद्र शुक्ला
विंध्य अंचल की रीवा विधानसभा सीट से पांचवीं बार चुनाव जीते सीनियर विधायक राजेंद्र शुक्ला शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं. इस बार भी उनके मंत्री बनने की संभावना जाताई जा रही थी. लेकिन सिंधिया समर्थकों की एंट्री से उनकी जगह नहीं बन पाई. ऐसे में अगर मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो राजेंद्र शुक्ला दावेदारी कर सकते हैं. उपचुनाव में राजेंद्र शुक्ला अनूपपुर सीट के प्रभारी थे जहां बीजेपी के बिसाहूलाल सिंह ने बड़ी जीत दर्ज की. जिससे उनका दावा मजबूत माना जा रहा है.
रामपाल सिंह
रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामपाल सिंह पिछली शिवराज सरकार में मंत्री थे. इस बार वे मंत्री नहीं बन पाए. लेकिन सांची में प्रभुराम चौधरी को मिली सबसे बड़ी जीत में रामपाल सिंह का अहम योगदान माना जा रहा है. वे यहां लगातार सांची सीट पर सक्रिए रहे जिसका फायदा बीजेपी को हुआ. खास बात यह है कि रामपाल सिंह सीएम शिवराज के करीबी माने जाते हैं.
गौरीशंकर बिसेन
बालाघाट विधानसभा सीट से सातवीं बार विधायक बने गौरीशंकर बिसेन भी मंत्री पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं. पिछली सरकारों में मंत्री रहने का अनुभव है. लेकिन इस बार उनको मंत्री नहीं बनाया गया था. अब मंत्री पद खाली होने के बाद वे भी दावेदारी जता सकते हैं.
अजय विश्नोई
जबलपुर जिले की पाटन विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. महाकौशल अंचल से आने के चलते उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है. चर्चा तो यहां तक चली थी कि वे मंत्री न बनाए जाने से नाराज भी थे. ऐसे में इस बार विश्नोई फिर इस दौड़ में शामिल हो गए हैं.
संजय पाठक
कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक संजय पाठक भी मंत्री पद के दावेदार हैं. कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में संजय पाठक का अहम रोल रहा था. जिससे उनके मंत्री बनने की चर्चा भी तेज थी. लेकिन जब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तब संजय पाठक मंत्री नहीं बनाए गए. अब मंत्रियों की जगह खाली होने से अब उनके मंत्री बनने के चांस फिर बढ़ गए हैं.
ये विधायक भी हैं मंत्री पद की रेस में शामिल
इन विधायकों के अलावा नागेंद्र सिंह, रमेश मेंदोला, गिरीश गौतम, पारस जैन, प्रदीप लारिया, गायत्री राजे पवार, जालम सिंह पटेल सहित अन्य कई विधायक दावेदार अब एक बार फिर मंत्री पद पाने की रेस में शामिल हो गए हैं. खास बात यह है कि सांवेर सीट पर बीजेपी को बड़ी जीत मिलने के बाद इस सीट के चुनाव प्रभारी रहे रमेश मेंदोला की दावेदारी ज्यादा मजबूत मानी जा रही है.
विधानसभा अध्यक्ष पद पर भी कई दावेदार
उपचुनाव के नतीजे आने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष का चयन भी सीएम शिवराज के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है. फिलहाल रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर के तौर पर यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इस पद के लिए पिछली बार विधानसभा अध्यक्ष रहे सीतासरन शर्मा और विंध्य अंचल से आने वाले केदार शुक्ला का दावा मजबूत माना जा रहा है. जबकि यशपाल सिसोदिया और गिरीश गौतम के लिए भी यह जिम्मेदारी मिल सकते हैं. इसके अलावा अजय विश्नोई के नाम की चर्चा भी विधानसभा अध्यक्ष के लिए पहले भी चलती रही है. जिससे उनके नाम पर भी मुहर लग सकती है.
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