गुना: मध्य प्रदेश के गुना में किसान दंपती के कीटनाशक पीकर जान देने की कोशिश करने और इनके स्वजनों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले को लेकर विपक्ष के हमलावार होने के बाद शिवराज सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार देर रात ग्वालियर रेंज आईजी (IG) राजाबाबू सिंह, गुना कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक (SP) तरुण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया.


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आईजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अविनाश शर्मा को ग्वालियर रेंज का नया आईजी और राजेश कुमार सिंह को गुना का नया एसपी बनाया गया है. आपको बता दें कि भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया था. इसके बाद तुरंत बाद ही शासन ने कार्रवाई करते हुए आईजी, कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर कर दिया और मामले में उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दे दिए.



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मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से ट्विटर पर मासूम बच्चों की बिलखते हुए एक फोटो शेयर कर इसे जंगलराज की लज्जित तस्वीर बताया गया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने भी इस मामले में शिवराज सवाल खड़े किए. कांग्रेस ने ट्विटर पर 'शिवराज सिंह चौहान इस्तीफा दो' हैशटैग को टॉप ट्रेंड करवा दिया. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने घटना की वायरल ​वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, ''शिवराज के अहंकार का बेशर्म प्रदर्शन, सिंधिया के क्षेत्र की वारदात. गुना में एक किसान परिवार की शिवराज की पुलिस ने बर्बरता से पिटाई की और महिला के कपड़े फाड़े, आहत किसान ने ज़हर खाया. शिवराज जी, बच्चों की चीख सुनाई पड़ रही है..? इस अंधी, बहरी और गूँगी सरकार का अंत नज़दीक है.''



गुना कलेक्टर ने घटना की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि नवीन आदर्श महाविद्यालय के लिए ग्राम जगनपुर स्थित भूमि सर्वे नं. 13/1 व 13/4 रकवा कमश 2.090 व 2.090 आरक्षित की गई थी. तहसीलदार ने अतिक्रामक गब्बू पारदी पुत्र गाल्या पारदी, कथित बटाईदार राजकुमार अहिरवार पुत्र मांगीलाल का कब्जा हटाने के लिए बेदखली की कार्रवाई के दौरान 14 जुलाई को पुलिस बल की उपस्थिति में सीमांकन कराया तथा बेदखली की गई. जब कार्रवाई चल रही थी, उसी समय राजकुमार अहिरवार व उसकी पत्नी सावित्रीबाई ने कीटनाशक पी लिया.


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गुना कलेक्टर के मुताबिक अतिक्रामक किसान दंपति को अस्पताल जाने से इनकार कर रहे थे. मुख्य अतिक्रामक गब्बू पारदी की ओर से राजकुमार व सावित्री बाई के अतिरिक्त अन्य लोगों जिनमें बच्चे भी शामिल थे, कीटनाशक पीने के लिए उकसाया जा रहा था. इससे जन हानि की संभावना बन रही थी. ऐसे में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति व जनहानि रोकने के उद्देश्य से पुलिस ने सख्ती से उनको स्थल से हटाया. वर्तमान में राजकुमार व सावित्री बाई की स्थिति में सुधार है. इस मामले में पटवारी शिवशंकर ओझा ने कैंट थाने में संबंधितों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धारा में मामला दर्ज कराया है. इसमें रामकुमार, शिशुपाल अहिरवार, सावित्री बाई समेत पांच-सात अज्ञात लोग आरोपित बनाए गए हैं.


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