भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा सकती है. क्योंकि शिवराज सरकार ने पूर्व की कमलनाथ सरकार का महत्वपूर्ण फैसला पलटने का निर्णय किया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने फैसला लिया है कि प्रदेश में जनता ही महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष चुनेगी.


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दरअसल पूर्व की कमलनाथ सरकार ने नगरपालिक निगम अधिनियम में संशोधन कर प्रदेश में 20 साल बाद अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर व अध्यक्ष का चुनाव करने का फैसला किया था. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नगर पालिका निगम एक्ट में बदलाव किया था. पूर्व की सरकार ने फैसला लिया था कि चुनाव में जीतकर आए पार्षद अब महापौर और नगरपालिका अध्यक्ष को चुनेंगे. कैबिनेट ने नगरीय निकाय एक्ट में इस बदलाव पर मुहर लगा दी थी.


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पूर्व की कमलनाथ सरकार के इस फैसले का उस वक्त बीजेपी ने विरोध भी किया था. लेकिन उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे थे. लेकिन अब जब बीजेपी सत्ता में आई तो, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के फैसले को रद्द कर दिया.


सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ सरकार के फैसले को बदलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है. अब अधिकारी प्रस्ताव को बदलने से जुड़े कानून का ड्राफ्ट तैयार करने में जुट गए हैं.


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